भागलपुर: बनारस के रिहंद डैम से पानी छोड़े जाने के कारण गंगा का बढ़ना जारी है. सोमवार को 12 घंटे के दौरान गंगा का जलस्तर पांच सेंटीमीटर बढ़ा है. केंद्रीय जल आयोग के रिपोर्ट अनुसार सुबह का जल स्तर 34.02 मीटर एवं शाम छह बजे का रिपोर्ट 34.07 मीटर रिकॉर्ड दर्ज किया गया है. यह खतरे के निशान से 39 सेंटीमीटर ऊपर है. गंगा का जलस्तर बढ़ने की रफ्तार तेज रहने से गंगा ने ना केवल निचले स्तर इलाके को डुबाया, बल्कि फरका (सबौर) पुल के पास एनएच-80 (बदला हुआ नाम एनएच-33) को भी जलमग्न कर दिया. फिलहाल सड़क पर लगभग डेढ़ फीट पानी बहने लगा है. इससे सड़क पर कटाव शुरू हो गया है. सड़क के एक पार से दूसरे पार पानी बहने की रफ्तार तेज होने से वाहनों को पार करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. सबौर से ममलखा के बीच आधा दर्जन से अधिक नये इलाके में सड़क पर पानी चढ़ने को तैयार है. पानी सड़क के लेवल में है.
अगर जल स्तर और बढ़ा, तो पानी आधा दर्ज नये इलाके में सड़क पर चढ़ जायेगा. इससे भागलपुर से कहलगांव-पीरपैंती के बीच संपर्क भंग हो सकता है. बताया जाता है कि अगर एनएच-80 टूटा, तो बैजलपुर, कुरपट, लैलख, बैजनाथपुर, चंदेरी, राजपुर, भिट्ठी गांव पूरी तरह से जलमग्न हो जायेगा. दूसरी ओर गंगा का जलस्तर अबतक में अधिकतम रिकॉर्ड वर्ष 2003 में 34.20 मीटर दर्ज किया गया था. केवल 13 सेंटीमीटर जलस्तर बढ़ने के साथ ही अबतक का तमाम रिकॉर्ड टूट जायेगा. जल संसाधन विभाग के इंजीनियरों के अनुसार गंगा का जलस्तर बुधवार तक 10 से 15 सेंटीमीटर बढ़ने की उम्मीद है.
सड़क कटाव बचाने का प्रयास : फरका (सबौर) के पुल के पास गंगा का पानी एनएच पर बहने के कारण सड़क को कटाव से बचाने के लिए सोमवार को राष्ट्रीय उच्च पथ प्रमंडल, भागलपुर के इंजीनियरों ने पहल शुरू की है. विभाग के ठेकेदार मिट्टी मिश्रित बालू सीमेंट के बोरे में भर कर सड़क किनारे रख रहे हैं. हालांकितेज बहाव के कारण इसका कोई असर नहीं हो रहा है. ठेकेदार ने सड़क किनारे बांस का बैरिकेडिंग भी लगाया है, ताकि कोई अप्रिय घटना नहीं हो.
इंजीनियरिंग कॉलेज में घुसा पानी : गंगा का जल स्तर बढ़ने के साथ ही सोमवार शाम तक इंजीनियरिंग कॉलेज जलमग्न हो गया है. कॉलेज परिसर में इस्ट ब्लॉक जाने वाला मार्ग भी डूब गया है. प्रशासनिक भवन के सामने दो फीट पानी भर चुका है. कुल मिला कर स्थिति भयावह हो गयी है. तीव्र गति से बढ़ रहे जल स्तर के कारण अधिकारी व कर्मचारियों में भय व्याप्त है. दूसरी ओर यूको बैंक का इंजीनियरिंग कॉलेज शाखा के कर्मचारियों व अधिकारियों ने कागजात समेट लिया है और बाढ़ का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार है. प्राथमिक विद्यालय, नयाटोला चौका में सोमवार को बाढ़ का पानी घुस गया और इसके साथ ही बच्चों को छुट्टी मिल गयी. बताया जाता है कि बाढ़ का पानी उतरने पर ही पुन: स्कूल खुलेगी.