भागलपुर: बिहार का रेड कोरिडोर बन चुके जमुई, मुंगेर व बांका तथा इससे सटे झारखंड के क्षेत्र में एक बार फिर से नक्सली अपने गढ़ को मजबूत करने में जुट गये हैं. इनके प्रभाव वाले क्षेत्र में हाल के दिनों में इनकी गतिविधियां बढ़ी हैं. सोमवार की सुबह चकाई के जंगली इलाके में सुरक्षाबलों व नक्सलियों के बीच भिड़ंत भी हुई है. नक्सली नयी रणनीति के तहत अपने संगठन को मजबूत कर रहे हैं. नक्सली परंपरागत क्षेत्र की बजाय नये व सुरक्षित क्षेत्र में अपनी पैठ बढ़ाने में जुटे हैं. हाल के दिनों में नक्सली गतिविधियां बढ़ने को लेकर खुफिया विभाग ने सरकार को सूचना भेजी है.
पूर्व बिहार का जमुई, मुंगेर, बांका, लखीसराय का कुछ क्षेत्र तथा जमुई व बांका से सटे नवादा व झारखंड का गिरिडीह जिला भौगोलिक रूप से नक्सलियों के लिए सेफ जोन है. जंगली व पहाड़ी इलाका होने के नाते कहीं भी सुरक्षित आने-जाने में इन्हें सुविधा होती है. यही कारण है कि पिछले एक दशक के दौरान यहां नक्सली संगठनों ने तेजी से अपने पांव पसारे. भीमबांध में सीआरपीएफ का कैंप खुल जाने के बाद भीमबांध जंगल में जो नक्सलियों का सबसे सुरक्षित ठिकाना था अब उजाड़ होने लगा है. यहां से ऑपरेशान चलाने में नक्सलियों को परेशानी हो रही है.
इस कारण उनकी पहले वाली धमक भी घटी है. खुफिया सूत्रों के अनुसार हाल में नक्सली कमांडर व उनके प्रमुख साथियों की एक बैठक गुप्त स्थान पर हुई है, जिसमें निर्णय लिया गया कि इस रेड कोरिडोर में फिर से अपने संगठन को मजबूत किया जाये तथा अपनी ताकत बढ़ायी जाये. इसके लिए नयी भरती भी शुरू करने की योजना है. साथ हो पुराने कैडर जो मुख्यधारा में लौटना चाह रहे हैं, उन्हें फिर से सक्रिय किया जाये. अपन धमक बरकरार रखने के लिए नक्सली किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की जुगत में हैं. हाल के दिनों में जंगली इलाकों में नक्सलियों की चहल- पहल फिर बढ़ी है.
चकाई की सोमवार की घटना इसी से जुड़ी बतायी जा रही है. खुफिया सूत्रों के अनुसार मौजूदा स्थिति से पुलिस मुख्यालय को अवगत करा दिया है. नक्सली अपने परंपरागत क्षेत्र के साथ-साथ नये ग्रामीण व अर्धशहरी क्षेत्र में अपनी पैठ बढ़ाने में जुट गये हैं. सूत्रों के आसार पुलिस के आलाधिकारियों ने नक्सल प्रभावित क्षेत्र के थानों तथा पुलिस कैंपों को सतर्क रहने तथा खुफिया विभाग से संपर्क में रहने का निर्देश दिया है.