पूर्व के दो विश्व युद्धों में जर्मनी और सोवियत संघ की काफी बरबादी हुई थी. इससे सीख लेकर यह व्यवस्था की गयी थी. आज हमारी सबसे बड़ी चुनौती शहरीकरण की है. विकास के क्षेत्र में शहरी और ग्रामीण दो स्तर बन गया है. बड़ी आबादी अभी भी गांवों में रहती है. गांवों की अधिकतर आबादी दूषित पानी पीती है. गंदा खाना खाती है. जैसे-तैसे जीवन-यापन करती है. इनके जीवन स्तर को सुधारना बड़ी चुनौती है.
इसके लिए एक माहौल बनाने की आवश्यकता है. इसमें केवल पेड़-पौधे, नदियां, पहाड़ ही होना काफी नहीं है. स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, कार्यालय, बाजार भी होना चाहिए. यूएनओ हर व्यक्ति से जुड़ा है. वह अपनी शिकायत और समस्याएं वहां तक पहुंचा सकता है. इसके लिए किसी माध्यम की जरूरत नहीं है. यूएनओ समूचे विश्व की बात करता है और विश्व शांति व रक्षा का पक्षधर है. दुनिया युवाओं पर टिकी है. युवाओं की बेहतरी पर भी ध्यान देना होगा. श्री राय ने यूएनओ चार्टर की कॉपी प्राचार्य डॉ एसके पांडेय को दिया. मौके पर डॉ चंद्रेश और कई शिक्षक व बड़ी संख्या में छात्र-छात्रएं मौजूद थे.