भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय का स्वास्थ्य केंद्र बंद होने के कगार पर पहुंच चुका है. स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत दो चिकित्सकों में एक डॉ मृदुला कुमारी 30 सितंबर को व दूसरे चिकित्सक डॉ एनके पोद्दार 30 नवंबर को सेवानिवृत्त हो जायेंगे. इसके बाद स्वास्थ्य केंद्र में छात्र-छात्रओं व विश्वविद्यालय कर्मियों की चिकित्सा नहीं हो पायेगी. विश्वविद्यालय ने 1978 में चिकित्सकों की नियुक्ति की थी.
स्वास्थ्य केंद्र की प्रभारी मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ मृदुला कुमारी ने इस साल चिकित्सकों से खाली हो जाने की सूचना कई बार कुलपति को दी हैं. 1978 में विश्वविद्यालय ने चिकित्सकों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया था. साक्षात्कार हुआ. चयन समिति ने तीन चिकित्सकों को चयनित किया, नियुक्ति हुई. चिकित्सक रिटायर करते गये, दोबारा नियुक्ति की दिशा में न तो विश्वविद्यालय ने पहल की और न ही राज्य सरकार ने.
नामांकन के वक्त विद्यार्थियों को मेडिकल शुल्क के रूप में 20 रुपये जमा करना पड़ता है. शिक्षक व पदाधिकारियों को 50 रुपये तृतीय वर्गीय कर्मचारियों को 30 रुपये व चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों को 20 रुपये हर साल देना है. यह राशि विवि स्वास्थ्य केंद्र के खाते में ट्रांसफर कर देता है. पिछले तीन दशक से इसी राशि से स्वास्थ्य केंद्र हर साल दवा खरीदता है. सालाना यह राशि अधिकतम एक -सवा लाख होता है. दवा खरीदारी के लिए अलग से दो-ढ़ाई लाख उपलब्ध कराया जाता था.