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डेढ़ लाख में दी हीरू के हत्या की सुपारी!

भागलपुर: मुमताज बेकरी के मालिक इम्तियाज उर्फ हीरू की हत्या के लिए मो मिंटू और उसके एक करीबी रिश्तेदार ने अपराधियों को डेढ़ लाख में सुपारी दी थी. सुपारी की रकम में मिंटू और उस करीबी रिश्तेदार दोनों के पैसे लगे थे. हत्या में क्षेत्र का एक चर्चित अपराधी भी शामिल है. पुलिस की जांच […]

भागलपुर: मुमताज बेकरी के मालिक इम्तियाज उर्फ हीरू की हत्या के लिए मो मिंटू और उसके एक करीबी रिश्तेदार ने अपराधियों को डेढ़ लाख में सुपारी दी थी. सुपारी की रकम में मिंटू और उस करीबी रिश्तेदार दोनों के पैसे लगे थे. हत्या में क्षेत्र का एक चर्चित अपराधी भी शामिल है. पुलिस की जांच में इन बातों का खुलासा हुआ है.

हालांकि अभी पुलिस इस बारे में कुछ खुल कर नहीं बता रही है. छत के रास्ते में चार अपराधी सोमवार की रात बेकरी परिसर में दाखिल हुए और हीरू की गोली मार हत्या कर दी. हीरू के शरीर पर मिले चोट से यह स्पष्ट है कि अपराधियों के साथ उसकी उठा-पटक भी हुई. हीरू के गरदन के नीचे दोनों कंधा, नाक और आंख के पास चोट के निशान मिले हैं.

बेकरी में अकेले रहता था हीरू. हीरू बेकरी में अकेले रहता था. एक बड़े हॉल में बेकरी चलती है, जबकि एक कमरे में हीरू सोता था. बाकी अन्य कमरों को उसने किराये पर लगा दिया था. लेकिन संयोग से किरायेदार भी घर गये थे. इस कारण बेकरी खाली थी, जिसका अपराधियों ने फायदा उठाया और वारदात को अंजाम दिया. जबकि गायब अलपेशा का अब तक पता नहीं चल पाया है. वह जीवित या नहीं, इस यह भी जानकारी नहीं है. परिजनों ने लापता होने के बारे में पुलिस को भी सूचना नहीं दी है.
हीरू को लाल ने लिया था गोद. हीरू को हुसैनपुर निवासी मो लाल ने गोद लिया था. गोद लेने के बाद उसे अपने पुत्र की तरह पाला और बेकरी का कारोबार जो पहले लाल किया करता था, उसे हीरू को सौंप दिया. इसके लिए उसे वजारत हुसैन लेन स्थित मकान में जगह दी और पास की एक जमीन भी कारोबार के लिए खरीद दी. छह सालों से हीरू बेकरी चला रहा था. लाल का सबसे बड़ा पुत्र नौशाद तातारपुर स्थित बेकरी में काम करता है, जबकि दूसरा पुत्र मुस्तकीम केबुल मिस्त्री है. तीसरा हीरू बेकरी चलता था और चौथा अलपेशा छह माह से गायब है.
दस्तक देने के बाद भी नहीं खोला दरवाजा. सोमवार को हीरू मुहल्ले में देखा गया था. उस दिन वह अपने हुसैनपुर स्थित घर भी गया था. मंगलवार सुबह में हीरू का भाई मुस्तकीम बेकरी पहुंचा था. लेकिन दरवाजा बंद देख वह लौट गया. उसने दरवाजे पर दस्तक भी दी थी. पर दरवाजा नहीं खोला था. मुस्तकीम को लगा कि हीरू कहीं तगादा गया होगा.
पड़ोसी ने दी परिजनों को सूचना. दो दिन से दरवाजा बंद देख पड़ोसी ने हुसैनपुर स्थित मो हीरू के परिजनों को सूचना दी. इस सूचना पर हीरू के पिता, भाई बेकरी पहुंचे. भाई मुस्तकीम छत के रास्ते बेकरी में दाखिल हुआ तो देखा कि जिस कमरे में हीरू सोता है, उस कमरे में उसकी लाश पड़ी है और उससे दरुगध आ रही है. कमरा खोला गया तो बिस्तर पर हीरू की लाश पड़ी हुई थी. इसके बाद पुलिस को सूचना दी गयी. सूचना पाकर सिटी एएसपी वीणा कुमारी, मोजाहिदपुर इंस्पेक्टर मनोरंजन भारती मौके पर पहुंचे और मामले की छानबीन की.
जूली से शादी करना चाहता था हीरू. पुलिस को दिये बयान में पिता लाल ने कहा है कि हीरू जूली (जमाल की पत्नी और मिंटू की बहन) शादी करना चाहता था. उसने अपने और जूली के संबंध की जानकारी परिजनों को भी दी थी. परिजनों ने हीरू को मना किया था कि जूली शादी-शुदा है और वह उससे शादी का ख्याल छोड़ दे. लेकिन हीरू जूली से शादी के लिए अड़ा हुआ था. यह जिद जान पर बन आयी और उसकी हत्या कर दी गयी.
अलपेशा को गायब करने के पीछे भी यही लोग. जिन लोगों ने साजिश रच कर हीरू की गोली मार हत्या की है, उन्हीं लोगों ने अलपेशा (हीरू का छोटा भाई) को भी गायब कर दिया है. पिता लाल का कहना है कि अलपेशा का जूली की भाभी (मिंटू की पत्नी) से अवैध संबंध बन गया था. इसकी जानकारी अलपेशा ने अपने परिजनों को भी दी थी. परिजनों ने इस पर अलपेशा को डांट-फटकार भी किया था. इसके बाद से अलपेशा गायब है. बताया जाता है कि जिस महिला से अलपेशा का अवैध संबंध हो गया था, उसका मायका मुंगेर में है. यही कारण से हीरू अपने लापता भाई के बारे में पता करने के लिए मुंगेर गया था. हीरू को अपने भाई के बारे में सब कुछ जानकारी मिल गयी थी. इस कारण उसे रास्ते से हटा दिया गया.

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