भागलपुर: भागलपुर शहरी क्षेत्र को शुक्रवार को शाम 3:50 बजे से पहले 35 मेगावाट बिजली मिली. इसके बाद 50 मेगावाट बिजली आपूर्ति शुरू हुई. इसके बाद भी शहर में बिजली की स्थिति ठीक नहीं हुई. एक ओर जहां थोड़ी बारिश होने के बाद ऊमस बढ़ जाने से लोग गरमी से तर ब तर हो गये,वहीं बिजली की लुका-छिपी चलती रही. 50 मेगावाट बिजली आपूर्ति के बाद भी लोगों को बिजली पर भरोसा नहीं रहा और अपनी वैकल्पिक व्यवस्था करके रखा. इधर दिन भर बिजली की लुकाछिपी से व्यवसायी से लेकर उद्यमी तक परेशान रहे.
सुबह स्कूल जाने वाले बच्चों को बिना स्नान किये ही स्कूल जाना पड़ा. पानी टंकी में भरने के लिए कई लोगों रात भर जागना पड़ा. इधर विभिन्न राजनीतिक संगठनों द्वारा अलग-अलग तरीके से आंदोलन शुरू कर दिया गया है. सामाजिक संगठनों द्वारा भी बिजली संकट के समाधान के लिए बैठक व आंदोलन की तैयारी शुरू कर दी है.
इस बीच जनप्रतिनिधि कहीं नजर नहीं आ रहे हैं. इधर इस्टर्न बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष मुकुटधारी अग्रवाल ने बताया कि भागलपुर प्रक्षेत्र में बिजली के आवंटन में कटौती और उसके फलस्वरूप उत्पन्न बिजली के गंभीर संकट से इस क्षेत्र की औद्योगिक एवं व्यापारिक गतिविधियां बूरी तरह चरमरा गयी है. उद्यमियों का कहना है कि जेनरेटर के बल पर उत्पादन बनाये रखना आर्थिक दृष्टि से घाटे का सौदा है. ऐसा अनुमान है कि उद्यमियों को प्रतिदिन 35-40 लाख रुपये के उत्पादन की हानि हो रही है. सबसे अधिक प्रभाव पावर लूम सेक्टर पर पड़ रहा है, जहां बिजली के प्रभाव में अधिकांश पावर लूम बंद पड़े हैं.
वहीं बिजली उपभोक्ता संघर्ष समिति के प्रकाश चंद्र गुप्ता ने भी कहा है कि बिजली संकट को लेकर हो रहे आंदोलन में होने वाले परिणाम की जिम्मेवारी बिजली अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों व जिला प्रशासन की होगी.