भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में शुक्रवार को आइसा कार्यकर्ताओं ने गुरु -शिष्य के रिश्ते को तार-तार कर दिया. आइसा के महज 20 से 25 कार्यकर्ता विश्वविद्यालय में कार्यरत 200 से अधिक अधिकारी व कर्मचारी पर भारी पड़ गये. हैरत की बात तो यह कि कुलपति डॉ एनके वर्मा के साथ बदसलूकी व कर्मचारी राजकुमार मंडल की पिटाई होती रही और विश्वविद्यालय थाने को किसी ने सूचना तक नहीं दी. यही नहीं किसी ने सूचना दी हो या नहीं, चंद कदम पर स्थित विश्वविद्यालय थाना पुलिस तब पहुंची, जबकि सारे कार्यकर्ता घटना को अंजाम देने के बाद चले गये थे.
वीसी चैंबर में हंगामे के दौरान कुलानुशासक डॉ केएन यादव, डीएसडब्ल्यू डॉ गुरुदेव पोद्दार, एमबीए के निदेशक डॉ पवन कुमार पोद्दार, वीसी के पीए आदि मौजूद थे. यह घटना कोई दो-चार मिनट में खत्म नहीं हुई. लगभग 45 मिनट तक चली. आइसा कार्यकर्ता पीजी गांधी विचार विभाग से जुलूस की शक्ल में विश्वविद्यालय पहुंचे. विश्वविद्यालय के गेट पर कुलपति इस्तीफा दो सहित विश्वविद्यालय प्रशासन विरोधी नारे लगाना शुरू किया. कुछ देर तक नारा लगाने के बाद गेट को धक्का देना शुरू किया. लगातार धक्का के बाद गेट खुल गया और शोर मचाते, नारे लगाते सभी कार्यकर्ता वीसी के चैंबर के पास बंद गेट के पास पहुंच गये. यहां भी कार्यकर्ताओं ने गेट में जोर-जोर से धक्का देना शुरू कर दिया. गेट टूट जाने की आशंका व कार्यकर्ताओं के गुस्से से भयभीत कर्मचारी ने गेट खोल दिया.
इसके बाद काफी देर तक कुलपति चैंबर में हंगामा मचाता रहा. कार्यकर्ताओं ने कुलपति डॉ वर्मा को घेर कर उंगली दिखा-दिखा कर पूछना शुरू कर दिया कि गांधी विचार विभाग के शिक्षक के खिलाफ अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई. गांधी विचार विभाग के छात्र-छात्रओं के साथ उत्पीड़न मामले की जांच का क्या हुआ, जवाब दीजिए. फिर उसी बीच में कुछ कार्यकर्ता बोलने लगे कि इन्हें (कुलपति) पकड़ कर बाहर निकालो. इतने में आइसा की कार्यकर्ता रिंकी कुलपति के पास पहुंच गयी. कुलपति की बांह पकड़ी और उन्हें खड़ा कर दिया. रिंकी ने कुलपति को कहा कि आप बाहर चलिए और फिर कुलपति को बाहर ले जाने के लिए कई कार्यकर्ता वीसी के नजदीक आ गये. इतने में वीसी का बॉडीगार्ड व पीए ने कुलपति का बचाव किया. फिर कार्यकर्ताओं ने वीसी की कुरसी उठा कर पटक दी. कुछ कार्यकर्ताओं ने वीसी के सामने लगी कुरसियां भी पटक दी. इसके बाद सारे कार्यकर्ता नारे लगाते हुए चले गये. फिर कई कर्मचारी वहां पहुंचे. कुरसियों को जगह पर रखा.