भागलपुर: विक्रमशिला सेतु पर लगने वाले जाम व इसको लेकर सभी प्रशासनिक दावे फेल होने पर बिहपुर के विधायक ई शैलेंद्र ने आंदोलन का बिगुल फूंकते हुए मंगलवार को प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय के समक्ष आमरण अनशन शुरू किया. वे देर रात तक आंदोलन स्थल पर बैठे रहे. इस दौरान सरकारी डॉक्टरों ने उनके स्वास्थ्य की जांच की.
अनशन के दौरान उन्होंने बताया कि इस मुद्दे को लेकर उन्होंने विधानसभा में सवाल उठाये, लेकिन जिला प्रशासन की ओर से किये गये झूठे दावे पर सरकार ने भी सदन में झूठ बोलते हुए कहा कि पुल पर जाम नहीं लग रहा है और इसके लिए पर्याप्त संख्या में पुलिस कर्मचारी व अन्य संसाधन की व्यवस्था कर दी गयी है.
ओवरटेक बंद होने से मिल सकती है निजात : विधायक ने बताया कि अभी भी एप्रोच पथ के दोनों किनारों पर वाहनों की लाइन लगी रहती है. इस संबंध में उन्होंने एमवीआइ से भी बात करने का प्रयास किया, लेकिन उनसे बात नहीं हो पायी. उन्होंने बताया कि संबंधित थाना प्रभारी का कहना है कि वाहनों पर जुर्माना करने का अधिकार उन्हें नहीं है. यदि एमवीआइ लगातार पथ का निरीक्षण करें और पथ पर खड़े वाहनों की जांच कर उस पर जुर्माना करें तो काफी हद तक इस समस्या से निजात मिल सकती है. साथ ही पुल व एप्रोच पथ पर नियमानुसार पुलिस की तैनाती रहे और वाहनों को ओवरटेक नहीं करने दिया जाये तो भी जाम की समस्या कम हो सकती है.
संयुक्त सचिव ने की विधायक से बात : विधायक ने कहा कि जाम के स्थायी समाधान होने तक उनका अनशन जारी रहेगा. अनशन स्थल पर पहुंच कर संयुक्त सचिव (विभागीय जांच) व अपर समाहर्ता हरिशंकर प्रसाद ने विधायक से बातचीत की. उन्होंने बताया कि पुल पर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी गयी है और इसका लगातार निरीक्षण भी किया जा रहा है. साथ ही खराब क्रेन को भी ठीक करवा कर पुल के पास तैनात कर दिया गया है. हालांकि उनके आश्वासन के बाद भी फिलहाल अनशन नहीं टूटा है. अनशन के पहले दिन भाजपा अध्यक्ष नभय कुमार चौधरी, महानगर अध्यक्ष विजय साह, सोमनाथ शर्मा, मंतोष कापरी, नीलम देवी, विष्णु शर्मा, नरेश यादव, भोला ठाकुर, उप महापौर प्रीति शेखर, विनोद कुमार, लोजपा नेत्री संगीता तिवारी, जगत राम साह कर्णपुरी, वार्ड पार्षद पुतुल देवी, कुंदन देवी, बिंदु देवी, प्रमिला देवी, नीलम देवी, दिनेश सिंह, दिनेश तांती, मो. असगर, महेंद्र पासवान, दीपक साह आदि भी मौजूद थे.