भागलपुर: नये वर्ष में सीबीएसइ स्टूडेंट्स उत्तर-पूर्व भारत के सात राज्यों के बारे में विस्तार से जान पायेंगे. शैक्षणिक सत्र 2015-16 से सीबीएसइ स्टूडेंट्स भारत के सेवेन सिस्टर्स के नाम से मशहूर राज्यों के बारे में विस्तार से नौवीं में पढ़ पायेंगे. इनके बारे में अलग से एक पूरा चैप्टर इतिहास की किताब में जोड़ने की बात चल रही है.
इस चैप्टर में सातों राज्यों के न केवल इतिहास, बल्कि वहां की भौगोलिक स्थिति और रहन-सहन आदि की भी महत्वपूर्ण जानकारी दी जायेगी. सीबीएसइ की एकेडेमिक कमेटी की बैठक में यह फैसला किया गया है. इसके लिए सीबीएसइ ओर से इस सत्र के लिए इतिहास विषय में एक नया चैप्टर शामिल किया जायेगा. नये चैप्टर में सेवेन सिस्टर्स के नाम से मशहूर अरूणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा के बारे में जानकारी दी जायेगी.
कैसे मिला सेवेन सिस्टर्स का दर्जा
1947 में जब भारत स्वतंत्र हुआ, तो उस समय उत्तर-पूर्वी राज्यों में बस तीन राज्य असम, मणिपुर और त्रिपुरा ही शामिल थे. इसके बाद 1963 में नागालैंड, 1972 में मेघालय और मिजोरम को राज्य के रूप में शामिल किया गया. सबसे अंत में अरुणाचल प्रदेश को 1987 में भारत का अंग बनाया गया. एक दूसरे की सीमा से जुड़े होने के कारण पूर्वोत्तर के इन सातों राज्य को सेवेन सिस्टर्स का दर्जा दिया गया.
स्टडी टूर के तहत स्टूडेंट करेंगे भ्रमण
सीबीएसइ ने कोर्स में उत्तर-पूर्वी राज्यों को शामिल करने के अलावा बोर्ड स्कूलों को एजुकेशन टूर के रूप में भी शामिल करने का निर्देश जारी करेगी. हर साल सभी स्कूलों की ओर से नौवीं के बच्चों के लिए एजुकेशन टूर आयोजित किया जाता है. ऐसे में उत्तर-पूर्वी राज्यों को भी अब इस टूर में शामिल किया जायेगा. हर स्कूल साल में एक बार अपनी सुविधा के अनुसार उत्तर-पूर्व के किसी भी स्टेट में एजुकेशन टूर आयोजित करेगा. इसका मकसद छात्रों को उत्तर-पूर्वी राज्यों की पूरी जानकारी देना है.
नक्शा के साथ बताया जायेगा ऐतिहासिक महत्व
सीबीएसइ उत्तर-पूर्वी राज्यों को अच्छी तरह से समझने के लिए नौवीं और दसवीं में इसकी पढ़ाई शुरू करने पर विचार कर रहा है. सीबीएसइ से मिली जानकारी के अनुसार नार्थ इस्ट के सातों राज्य के बारे में उनके नक्शे के साथ जानकारी दी जायेगी. किस राज्य में क्या फेमस है. किन चीजों को लेकर संबंधित राज्य की क्या विशेषता है, इनकी भी जानकारी मिलेगी. बोर्ड ने मैप के साथ ऐतिहासिक महत्व को भी सिलेबस में रखने का विचार किया है.
भाषा व संस्कृति से भी परिचित होंगे स्टूडेंट्स
इन राज्यों में अपनी अलग-अलग भाषा है. लेकिन फिर भी एक दूसरे से जुड़े हुए हैं. सीबीएसइ की नयी पहल के तहत हर राज्य के संबंध में वहां की क्षेत्रीयता की जानकारी दी जायेगी. राज्य की भौगोलिक जानकारी के साथ यहां के रहन-सहन और पर्यावरण की भी जानकारी दी जायेगी. प्राकृतिक संसाधनों के मामले में ये राज्य समृद्ध हैं. असम की चाय की खेती से लेकर बांस, सिल्क आदि के बारे में भी जानकारी मिलेगी. इसके अलावा वाइल्ड लाइफ को कैसे इन राज्यों में चलाया जाता है, इसे भी अब स्टूडेंट्स जान पायेंगे.