भागलपुर: पूर्व बिहार के नक्सल प्रभावित जिलों में बड़े पैमाने पर नक्सली कैडर में बच्चों की भरती ने शासन-प्रशासन के कान खड़े कर दिये हैं. इसकी रोकथाम के लिए जिला स्तर पर मॉनीटरिंग सेल का गठन हुआ है.
यह सेल बच्चों को नक्सली बनने से रोकेगा. जिला स्तरीय मॉनीटरिंग सेल में जिला पदाधिकारी अध्यक्ष होंगे. इसके अलावा सदर अनुमंडल के एसडीपीओ सचिव. एसएसपी/एसपी, अपर जिला दंडाधिकारी, समाज कल्याण पदाधिकारी व सूचना जनसंपर्क पदाधिकारी इसके सदस्य होंगे. कमेटी में जिलों में कार्यरत प्रमुख स्वयं सेवी संस्थानों को भी इसमें शामिल किया जायेगा. कौन एनजीओ के प्रतिनिधि इसमें शामिल होंगे, इसका चयन डीएम-एसपी/एसएसपी करेंगे.
प्रलोभन देकर बच्चों को बनाया जा रहा है नक्सली
पूर्व बिहार के नक्सल प्रभावित जिलों में बच्चों और उनके अभिभावकों को प्रलोभन देकर नक्सली बनाया जा रहा है. इसके लिए नक्सलियों की ओर से विशेष भरती अभियान भी चलाया जा रहा है. कुछ इलाकों में तो लोग दहशत से बच्चों को नक्सली बनने के लिए भेज देते हैं. बच्चों को पहले नक्सली ट्रेनिंग देते हैं और फिर उन्हें ऑपरेशन में भेजा जाता है. नक्सली बच्चों पर पुलिस को भी आसानी से शक नहीं होता है. कई नक्सली वारदात में रेकी करने का काम बच्चों ने किया है.
ऐसे काम करेगा सेल
यह सेल दो महीने के अंतराल में एक बार बैठक आयोजित करेगा. इसमें नक्सलियों द्वारा अपने कैडर/पार्टी में बच्चों को भरती करने संबंधी सूचना की समीक्षा होगी और इसकी रोकथाम के उपाय किये जायेंगे. नक्सली कैडर में शामिल बच्चों की गिरफ्तारी व पुनर्वास के संबंध में भी सेल कार्रवाई करेगा. नक्सली कैडर में बच्चे भरती न हो, इसके लिए लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलाया जायेगा. सूचना जन संपर्क विभाग का इसके प्रचार-प्रसार का दायित्व सौंपा गया है.