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कैदी गोवर्धन यादव को भी मारने की थी योजना

– जेल कर्मियों की तत्परता से बची जनार्दन की जान – पुलिस ने लिया गोवर्धन यादव का बयानसंवाददाता, भागलपुर विशेष केंद्रीय कारा में दो दिसंबर की सुबह कैदी लतीफ मियां को मारने के बाद आरोपी कैदी जंग बहादुर सिंह एक अन्य कैदी गोवर्धन यादव (पीरी बाजार, लखीसराय) को भी मारने की योजना बना रहा था. […]

– जेल कर्मियों की तत्परता से बची जनार्दन की जान – पुलिस ने लिया गोवर्धन यादव का बयानसंवाददाता, भागलपुर विशेष केंद्रीय कारा में दो दिसंबर की सुबह कैदी लतीफ मियां को मारने के बाद आरोपी कैदी जंग बहादुर सिंह एक अन्य कैदी गोवर्धन यादव (पीरी बाजार, लखीसराय) को भी मारने की योजना बना रहा था. हो-हल्ला सुन गोवर्धन वहां पहुंचा तो देखा कि लतीफ जमीन पर गिरा हुआ है और उसके सिर से खून बह रहा है. वहां पर खड़ा जंग बहादुर ईट-पत्थर बंधा गमछा चारों ओर घूमा रहा था. गोवर्धन वहां पहुंचा कर बोला, रे मार देलही…इस पर जंग बहादुर ने कहा : तोरे इंतजार है… यह कह कर जंग बहादुर गोवर्धन की तरफ पर वह गमछा घूमाने लगा. इस दौरान कक्षपाल रत्नेश कुमार साहा आये और उसने जंग बहादुर के हाथ से उक्त गमछा छीन लिया. तब जाकर गोवर्धन की जान बची. अगर कक्षपाल रत्नेश ने तत्परता नहीं दिखायी होती, तो जंग बहादुर और भी कैदियों को जख्मी कर सकता था. ड्यूटी से गायब था कंपाउंडरदो दिसंबर को घटना के समय जेल के परिधापक(कंपाउंडर) उपेंद्र कुमार सिंह ड्यूटी से गायब था. हालांकि जेल गेट के रजिस्टर में सुबह 7.25 बजे उनकी इंट्री दिखायी गयी है, लेकिन घटना के समय (सुबह 8 से 8.30 बजे के बीच) वे ड्यूटी से गायब थे. कक्षपाल निरंजन सिंह ने पूछताछ मंे बताया कि गलती से रजिस्टर में परिधापक का इंट्री समय लिखा गया था. जख्मी कैदी लतीफ को एंबुलेंस से अस्पताल भेजने के बाद परिधापक जेल गेट पर आये.

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