भागलपुर: ध्यान दें! अगर आप विक्रमशिला एक्सप्रेस के एसी बोगी में सफर कर रहे हैं और रास्ते में कहीं आपकी बोगी का एसी काम नहीं कर रहा है, तो आपका सफर कष्टमय ही पूरा होगा. रेलवे बोर्ड की एकमात्र ट्रेन विक्रमशिला एक्सप्रेस इन दिनों बिना फीटर के ही रन कर रही है. भागलपुर से आनंद विहार (दिल्ली) तक की यात्रा के दौरान पांच एसी बोगियों में दो फीटर की जगह कभी एक ही फीटर तो कभी बिना फीटर के ही ट्रेन को रवाना कर दिया जा रहा है.
रेल सूत्रों की मानें तो यह सब संबंधित पदाधिकारी के संरक्षण में हो रहा है. कुछ ऐसा ही हाल गुरुवार को रवाना होने वाली साप्ताहिक भागलपुर-अजमेर शरीफ एक्सप्रेस का है. इस ट्रेन में भी तीन दिन के सफर में फीटर नियमित ड्यूटी नहीं करते हैं. रजिस्टर के अनुसार यह ट्रेन में होते हैं, जबकि वास्तविक रूप में आराम फरमा रहे होते हैं. इन फीटरों की लापरवाही से प्रति माह रेलवे के लाखों रुपये बेकार जा रहे हैं. सूत्रों के अनुसार फीटरों की लापरवाही का खेल पिछले छह माह से जारी है.
आये दिन एसी बोगी में होती है गड़बड़ी
एक्सप्रेस ट्रेनों में ग्रुप सी कर्मी फीटर को वेतन के अलावा रात्रि भत्ता ( नाइट एलॉवेंस), यात्र भत्ता (टीए) व ओवरटाइम भत्ता (ओटीए) मिलता है. सारा खेल इसी को लेकर है. यात्री सुविधा का ख्याल रखने के नाम पर भत्ते के रूप में मिली राशि चार से पांच हजार के बीच होती है. इस तरह बिना ड्यूटी किये ही ग्रुप सी रेलकर्मी फीटरों का भत्ता एक माह में लाखों रुपये पार कर जाता है. सूत्रों की मानें तो इन लाखों रुपये में से ‘साहेब’ का भी हिस्सा होता है.
प्रिय पात्रों की ही लगती है ड्यूटी
वर्तमान में अनुभाग के लगभग 90 कर्मियों में 30 फीटर हैं. इसमें दो तरह के कर्मी हैं. पहला कामगार व दूसरा माइ डियर. अनुभाग के वरीय अधिकारी के करीबी जो लोग हैं, उन्हें आरामदेह यानी केवल रजिस्टर वाली ड्यूटी नसीब होती है. दूसरी ओर अन्य ट्रेनों में कामगार कर्मियों को लगाया जाता है. पिछले छह माह में रेल यात्री कई बार एसी काम नहीं करने की शिकायत करते रहे हैं.