भागलपुर: पीजी दर्शनशास्त्र विभाग अपने अनुशासन के लिए जाना जाता है. यहां के शिक्षकों का मानना है कि इस विभाग के विद्यार्थी कभी भी अपना अनुशासन को नहीं खोते हैं. इसका नतीजा है कि बड़े- बड़े सेमिनार के लिए इस विभाग के विद्यार्थियों का चयन होता रहता है. पहले यह विभाग दिनकर भवन में चलता था. इस विषय की पढ़ाई 1962 से शुरू हुई है. दिनकर भवन से यह स्थानांतरित होकर 1996 में नये भवन में आया.
पिछले दो साल के दौरान इस विभाग से 7-10 स्टूडेंट नेट क्वालीफाइ कर चुके हैं व चार को फेलोशिप मिला है. पर यह विभाग कभी टूटी छतों तो कभी पंखों की समस्या से जूझ रहा है. इस विभाग में शिक्षकों के सृजित पद सात हैं और कर्मचारियों के तीन. वर्तमान में दो ही कर्मचारी हैं, एक सफाई कर्मचारी की आवश्यकता है. इस विभाग में कुल 80 सीट है. इस विभाग की लाइब्रेरी में कई अच्छी पुस्तकें हैं जिसका लाभ विद्यार्थी लेते हैं.
चार शिक्षकों का भरोसा
विभाग में शिक्षकों के सृजित पद सात हैं पर अब चार ही रह गये हैं. कुछ महीने पहले इस विभाग के शिक्षक का तबादला गांधी विचार विभाग में कर दिया गया और वहां से शिक्षक इस विभाग में भेज दिया गया. सीनियर लेरर मृत्युंजय कुमार ने बताया, पॉलीटिकल साइंस के शिक्षक दर्शन शास्त्र को नहीं पढ़ा सकते हैं इसलिए क्लास में परेशानी होती है.