भागलपुर: बीबीए व बीएससी पार्ट टू के रिजल्ट में गड़बड़ी के खिलाफ तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय का माहौल मंगलवार को सुबह से लेकर देर रात तक गरमाया रहा. छात्र-छात्राएं अनशन पर बैठ गये.
उनके साथ-साथ समर्थन में तीन छात्र संगठन छात्र संघर्ष समिति, आइसा व छात्र समागम के कार्यकर्ता भी आंदोलित रहे. कुलपति सहित विश्वविद्यालय के कमोबेश सभी वरीय पदाधिकारियों को देर रात छात्रों ने बंधक बना लिया. छात्र-छात्राओं को समझाने आये एसएम कॉलेज के बीबीए के निदेशक डॉ राजीव कुमार सिंह को धक्का-मुक्की कर भगा दिया गया. उन्हें अपशब्द भी कहा गया. छात्र-छात्राओं ने दावा किया कि विश्वविद्यालय प्रशासन कॉपियां दिखाये, अगर सही उत्तर नहीं लिखे गये होंगे, तो खराब रिजल्ट ही स्वीकार होगा. सुबह 11 बजे शुरू हुआ अनशन रात 11 बजे तब टूटा, जब उत्तरपुस्तिका की जांच कर 25 दिनों के अंदर सूचित करने का लिखित आश्वासन मिला.
हाथापाई, गाली गलौज
एसएम कॉलेज के बीबीए के निदेशक के साथ की धक्का-मुक्की
छात्रों का दावा : विश्वविद्यालय प्रशासन निकाले कॉपियां, सही उत्तर नहीं लिखे होंगे, तो स्वीकार होगा खराब रिजल्ट
सुबह 11 बजे शुरू हुआ अनशन,रात 11 बजे लिखित आश्वासन मिला
अनशन में शामिल हुए एसएम मारवाड़ी व एमएम कॉलेज के विद्यार्थी
समिति गयी, पर अड़े रहे आइसा व छात्र समागम के सदस्य
अनशन का नेतृत्व छात्र संघर्ष समिति के संयोजक अजीत कुमार सोनू कर रहे थे. 25 दिनों के अंदर रिजल्ट देने के सादे कागज पर लिखित आश्वासन मिलने के बाद समिति के सभी कार्यकर्ता चले गये. दूसरी ओर छात्राओं के साथ आइसा की राज्य अध्यक्ष रिंकी व छात्र समागम के विश्वविद्यालय अध्यक्ष सोमू राज ने सादे कागज पर आश्वासन को मानने से इनकार कर दिया और विश्वविद्यालय के लेटर पैड पर आश्वासन की मांग करते हुए प्रशासनिक भवन के मुख्य गेट पर देर रात बैठ कर जाम कर दिया. अंदर कुलपति, प्रतिकुलपति, डीएसडब्ल्यू, प्रोक्टर, कुलसचिव आदि बंधक बने रहे.
आश्वासन पत्र में था लिखा
आज दिनांक 25.11.2014 को छात्रों के धरना-प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए बीएससी द्वितीय खंड परीक्षा-2013 के परीक्षाफल में जिन विषयों में 70% से अधिक परीक्षार्थी अनुत्तीर्ण हैं और बीबीए द्वितीय खंड-2013 के छात्र-छात्राओं की उत्तरपुस्तिका की जांच कर 25 दिनों के अंदर सूचित किया जायेगा, जो सभी छात्रों को मान्य होगा. आश्वासन पत्र प्रतिकुलपति प्रो एके राय ने पढ़ कर सुनाया.
सबने समझाया, पर नहीं माने
अनशन के दौरान पहले एसएम कॉलेज की प्राचार्य डॉ मीना रानी फिर डीएसडब्ल्यू डॉ गुरुदेव पोद्दार व प्रोक्टर डॉ राम प्रवेश सिंह भी छात्र-छात्राओं को मनाने के लिए आये, लेकिन अनशनकारी पुनमरूल्यांकन की मांग पर अड़े रहे. शाम को ठंड बढ़ने के बाद अलाव जलाया गया और छात्र-छात्राओं को कंबल ओढ़ कर बैठना पड़ा.
और कितना दौड़ेंगे
छात्र-छात्राओं का कहना था कि उन्होंने जितना लिखा है, उसके मुताबिक अंक नहीं दिया गया है. प्रोमोट कर दिया गया है. उनका कहना था कि पिछले सात महीने से दौड़ाया जा रहा है. इस दौरान छात्र-छात्राएं विश्वविद्यालय प्रशासन के विरुद्ध नारे लगाते रहे.