भागलपुर: सड़क डकै ती मामले में भागलपुर राज्य में टॉप फाइव की सूची में शामिल हो गया है. जनवरी से मार्च तक के बिहार पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि सड़क डकैती की सर्वाधिक घटनाएं गया में हुई. इसके बाद मुजफ्फरपुर, फिर पटना में इस तरह की घटनाएं हुई. सड़क डकैती में भागलपुर का स्थान इन जिलों से नीचे है. दूसरी ओर मधुबनी, सहरसा, मधेपुरा, अररिया, किशनगंज, बांका, लखीसराय, बेगूसराय व कटिहार में एक भी घटनाएं नहीं हुई.
अपहरण के आंकड़ों पर ध्यान दिया जाये तो फिरौती के लिए जनवरी से मार्च तक भागलपुर में एक भी अपहरण नहीं हुए. इस मामले में पटना में तीन, मोतिहारी में तीन, वैशाली में दो मामले दर्ज किये गये. भागलपुर में अपहरण के लगभग दो दर्जन मामले दर्ज तो किये गये, लेकिन फिरौती का एक भी मामला सामने नहीं आया. जिस भी मामले का पुलिस ने अनुसंधान किया उन मामलों में ज्यादातर मामले प्रेम प्रसंग के थे. प्रेमी युगल के पकड़े जाने के बाद उनके अभिभावकों द्वारा दर्ज अपहरण का मामला बेतुका साबित हुआ.
पटना, मोतिहारी, गया व मुजफ्फरपुर में डकैती कांड की संख्या ज्यादा है. इस साल जनवरी से मार्च तक के बिहार पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि इन महीनों में भागलपुर में डकैतों ने डाका डालने का दुस्साहस नहीं किया. इन्हीं महीनों में पटना, नालंदा, वैशाली, सारण व जमुई के बैंकों में डकैतों ने घटनाओं को अंजाम दिया. जनवरी से पहले के अपराध के पन्नों को खोलें, तो भागलपुर के बैंकों से रुपये निकाल कर बाहर निकलने वाले लोगों से छिनतई की ढेर सारी घटनाएं हुई. इनमें कुछेक मामलों को छोड़ दें, तो अधिकतर मामलों में अपराधियों की गरदन दबोचने में भागलपुर पुलिस फिसड्डी रही. लेकिन, अपराधी बैंकों में लूट की घटना करने की जहमत नहीं उठा पाये.
माना जा सकता है कि इस मामले में भागलपुर पुलिस चौकस रही. चोरी के मामले में पुलिस जिला नवगछिया राज्य में सबसे शांत क्षेत्र है. पटना में जनवरी से मार्च तक सर्वाधिक 1096 चोरी के मामले प्रकाश में आये. मुजफ्फरपुर में 431, गया में 232, भागलपुर में 72 मामले दर्ज किये गये. जबकि नवगछिया में महज 14 घरों व दुकानों में चोरी हुई.