भागलपुर: मुर्गियाचक मोहल्ले में सोमवार को सद्भाव बिगाड़ने की असामाजिक तत्वों की कोशिश के बाद बिगड़े माहौल को संभालने में नाथनगर पुलिस नाकामयाब साबित हुई. पर कुछ शरारती तत्वों द्वारा माहौल बिगाड़ने की कोशिश पर स्थानीय बुद्धिजीवियों व सिटी डीएसपी वीणा कुमारी ने पानी फेर दिया. नाथनगर पुलिस से जब माहौल संभलने के बजाय बिगड़ने लगा, तो उन्होंने इसकी सूचना सिटी डीएसपी वीणा कुमारी को दी. सूचना मिलते ही सिटी डीएसपी, मोजाहिदपुर इंस्पेक्टर सहित आधे दर्जन थानाध्यक्ष सदलबल पहुंचे थे.
दंगा नियंत्रण वाहन भी मौके पर लाया गया. प्रत्यक्षदर्शियों का आरोप है कि शाम करीब सात बजे आक्रोशित लोगों को शांत कराने पहुंचे नाथनगर इंस्पेक्टर महफुज आलम द्वारा यह कहे जाने पर कि 15-20 लोगों को नामजद कर अंदर कर दूंगा, लोग आक्रोशित हो गये. लोगों ने पुलिस जीप को चारों ओर से घेर लिया. नारेबाजी शुरू हो गयी. इंस्पेक्टर ने इसकी सूचना सिटी डीएसपी को दी. देखते ही देखते कई थानों की पुलिस वहां पहुंच गयी.
पुलिस को घंटों कैंप करना पड़ा. इस बीच सिटी डीएसपी वीणा कुमारी वहां पहुंचीं. उनकी बातों को लोगों ने सहजता से मान लिया. सिटी डीएसपी ने दोषियों पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया. स्थानीय बुद्धिजीवियों का आरोप है कि नाथनगर इंस्पेक्टर अगर दोषियों को चिह्न्ति कर दंडित करने की बात करते, तो लोग आक्रोशित नहीं होते. मामले को समझने की बजाय मामले में फंसाने की बात कह कर उन्होंने लोगों भड़का दिया. कुछ लोगों का कहना था कि मुगलकालीन मकदूम शाह की मजार पर जाने के रास्ते में पर्व के दिन सफाई का कोई औचित्य नहीं था. यह काम चंद गलत लोगों ने किया है.
इसके पीछे असामाजिक तत्वों की गलत मंशा थी. स्थानीय बुद्धिजीवियों ने सिटी डीएसपी को भरोसा दिलाया है कि वे इस मामले की लिखित शिकायत करेंगे साथ ही किसी भी हालत में मामला नहीं बिगड़ने देंगे.