भागलपुर: भागलपुर में तैयार तसर सिल्क के कपड़े का भौगोलिक उपदर्शन( जीआइ) हो गया है. जीआइ निबंधक ने इसका प्रमाणपत्र भी भागलपुर तसर सिल्क विकास समिति को उपलब्ध करा दिया है.
समिति पिछले चार साल से तसर के जीआइ के लिए प्रयासरत थी. वैसे तो सिल्क की वजह से भागलपुर की विश्वव्यापी पहचान है ही लेकिन अब जीआइ होने से यहां के सिल्क उद्योग को जबरदस्त लाभ होगा. दूसरी जगह के तसर सिल्क को अब भागलपुरी तसर के नाम से नहीं बेचा जा सकेगा. समिति यहां तैयार कपड़े पर भागलपुर तसर का लोगो लगायेगी.
वर्ष 2009 से ही यहां तैयार तसर सिल्क कपड़े, के जीआई के लिए समिति की ओर से प्रयास किया जा रहा था. जीआइ के निबंधक का कार्यालय चेन्नई में है. जी आइ होने से तसर सिल्क को वैश्विक पहचान मिल गयी है. जिस तरह बनारसी व कांजीवरम साड़ी की दुनिया में धाक है उसी तरह अब भागलपुरी तसर की धाक होगी.
पहले कुछ लोग कहीं के तैयार सिल्क कपड़े को भागलपुरी तसर के नाम से बेच देते थे लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. जिस कपड़े, पर भागलपुर तसर सिल्क डेवलेपमेंट समिति अपना मुहर लगायेगी वही भागलपुरी तसर कहलायेगा. समिति के अध्यक्ष इबरार अंसारी व सचिव धनंजय कुमार ने बताया चार साल के मेहनत का यह परिणाम है. अब तसर सिल्क के साथ स्वार्थी लोग धोखाधड़ी नहीं कर सकेंगे. श्री अंसारी ने कहा कि समिति के प्रयास से ही आज इतनी बड़ी सफलता मिली है.
सचिव धनंजय कुमार ने कहा कि जो भी तसर सिल्क के साथ छेड़छाड़ करेंगे उन्हें 50 हजार से दो लाख का जुर्माना भी लग सकता है. वर्तमान समिति को 10 साल तक इसके देखरेख का जिम्मा मिला है. जीआइ में भागलपुर, बांका व इससे सटे झारखंड के क्षेत्र को रखा गया है. 11 सदस्यीय कमेटी में राजकिशोर प्रसाद उपाध्यक्ष, असलम अंसारी संयुक्त सचिव और शमीम अख्तर कोषाध्यक्ष हैं. इधर बुनकर सेवा केंद्र के हेमंत कुमार गुप्ता ने तसर सिल्क के जीआइ होने से खुशी जताते हुए इसके लिए समिति के सदस्यों को बधाई दी है.