भागलपुर: दीपनगर स्थित माईट अंबेडकर रोजगार विकास संस्थान में मंगलवार को संस्थापक डॉ एके सिंह की अध्यक्षता में बैठक की गयी.
इसमें तय किया गया कि चिकित्सा गुंडागर्दी से त्रस्त बिहार को स्वच्छ व स्वस्थ बनाने के लिए राज्य चिकित्सा आयोग का गठन किया जाये. इसके लिए बिहार सरकार को पहल करे. पूर्व में अधिसूचित क्लीनिकल एक्ट पूरी तरह से बकवास है. डॉ मृत्युंजय अपने ही विवादित बयान में दोषी साबित हो रहे हैं.
अगर तय रकम 25 हजार रुपये में 20 हजार दे ही दिया गया तो पांच हजार के लिए कोई महिला अपनी इज्जत सरेआम क्यों करेगी. साथ ही उनकी पत्नी डॉ विभा चौधरी साथ में थी तो दोनों ही इस घृणित कार्य में बराबर के अपराधी हैं. इस मौके पर परमात्मा कुमार, शोभनाथ दास, गुरुचरण, घनश्याम, प्रेमलता देवी, श्रीकांत भारती आदि मौजूद थे.