भागलपुर: वरीय सजर्न डॉ मृत्युंजय चौधरी ने आरोप को बेबुनियाद बताया है. उन्होंने कहा कि एक सप्ताह पहले उक्त महिला का ऑपरेशन किया गया था. लेप्रोस्कोपिक सजर्री 25 हजार रुपये से कम में नहीं हो सकता.
बाहर में एक लाख रुपये लगते हैं. जब पैसे देने की बात हुई, तो कहा गया कि हम अश्विनी चौबे के आदमी हैं, पैसे कम कर दीजिए. इस पर हमलोगों ने पांच हजार रुपये कम कर 20 हजार रुपये ही लिये. उनसे कहा भी कि हमलोग चौबे जी के नाम पर तो वैसे भी पैसे कम कर देते हैं. डॉ चौधरी के अनुसार महिला का स्टिच उनके यहां कार्यरत नर्स पुष्पा ने काटा था. नर्स के साथ भी महिला के परिजनों ने बदतमीजी की है.
डॉक्टर चौधरी के अनुसार घटना सुनियोजित तरीके से की गयी है. स्टिच काटने के दौरान उनकी पत्नी डॉ विभा चौधरी खुद मौजूद थीं. पैसे देने के दौरान कर्मचारियों के साथ परिजनों ने गाली-गलौज की थी. फिर भी हमारे कर्मचारियों ने संयम से काम लिया, लेकिन क्लिनिक में महिला के परिजनों व अन्य लोगों ने मिल कर तोड़-फोड़ की. इसमें उनका लाखों का नुकसान हुआ है. उनके अनुसार इस दौरान अस्पताल में अफरा-तफरी मच गयी और कई मरीज क्लिनिक से भाग गये.
डॉ चौधरी को फंसाने की साजिश : डॉ रोमा
आइएमए की पूर्व सचिव डॉ रोमा यादव ने कहा कि डॉ मृत्युंजय चौधरी को वह व्यक्तिगत तौर पर 25 वर्षो से जानती हैं. उनका मोरल कैरेक्टर काफी हाई है. डॉक्टर को फंसाने की साजिश की गयी है. जब से महिलाओं के लिए यह कानून बना है, तब से कोई भी औरत किसी पर छेड़खानी का आरोप लगा कर फंसाने का प्रयास करने लगी है.