भागलपुर: सदर अस्पताल में एक जून से शुरू हुई 11 घंटे की ओपीडी सेवा ध्वस्त हो गयी है. स्थिति यह है कि सुबह की पाली भी 12:30 बजते ही बंद हो जाती है. इलाज के अभाव में लाइन में खड़े मरीज निराश होकर वापस लौट जाते हैं. स्वास्थ्य विभाग ने निर्देश जारी किया था कि एक जून से हर हाल में चिकित्सकों को आठ घंटे ड्यूटी करनी होगी. इसके मुताबिक चिकित्सकों का ड्यूटी रोस्टर भी बनाया गया था, पर एक माह बाद ही यह व्यवस्था ध्वस्त हो गयी.
होना यह था
सदर अस्पताल में सुबह आठ से दो बजे तक ओपीडी में आनेवाले मरीजों की जांच होनी थी. इसके अलावा दोपहर दो से तीन एक घंटे अल्प विराम की व्यवस्था की गयी थी. दूसरी पाली में दोपहर तीन से रात आठ बजे तक ओपीडी खोल कर रखना था. विशेष परिस्थिति में अगर यह ओपीडी प्रणाली जिस जिले में लागू नहीं होगी, वहां के अधिकारी इस संबंध में तर्क संगत प्रतिवेदन स्वास्थ्य विभाग के सचिव को भेज कर अनुमति लेंगे. इसके लिए कार्यपालक निदेशक को अधिकृत किया गया है.
12 बजे से दो बजे तक वृद्ध नागरिकों के जांच की व्यवस्था की गयी थी. इसके बाद अपराह्न् तीन से रात आठ बजे तक ओपीडी सेवा शुरू की गयी थी, लेकिन चिकित्सकों की कमी के कारण सेवा बंद की गयी है. फिलहाल सुबह और शाम की पाली में ओपीडी की व्यवस्था की गयी है. दो इमोक ट्रेंड चिकित्सक अस्पताल में प्रतिनियुक्त भी हैं, उसमें एक नवगछिया और दूसरा कहलगांव में प्रतिनियुक्त होनेवाले हैं. डायलिसिस की सुविधा पीपीपी मोड पर शुरू होनी थी, वह स्टेट से टेंडर करने के बाद ही होगा.
राजू प्रधान, अस्पताल प्रबंधक
चिकित्सकों की कमी अस्पताल में है पर सदर अस्पताल में तो यह व्यवस्था चल रही है. पीएचसी में चिकित्सकों की अधिक कमी है. वैसे इस संबंध में हम अधिकारियों से बात करेंगे.
डॉ सुधीर कुमार महतो, आरडीडी, स्वास्थ्य