भागलपुर: चंदन चौधरी हत्याकांड में गिरफ्तार नकुल यादव ने पुलिस के समक्ष कई अहम खुलासा किया है. नकुल की मानें तो शातिर अपराधी सत्तन यादव ने अभय यादव से हाथ मिला लिया है.
पिपलीधाम में अभय यादव का साम्राज्य चलता है. भागलपुर पुलिस को लंबे अरसे से सत्तन की तलाश है. लेकिन वह गिरफ्तार होने से बचता रहा है. सत्तन के फरार रहने की स्थिति में अभय यादव ही रंगदारी वसूलता है. नकुल ने पुलिस को यह भी बताया है कि सत्तन यादव अक्सर पिपलीधाम में आकर शरण लेता है. वह अक्सर दियारा इलाके नाव के जरिये पिपलीधाम घाट आता-जाता है. पिपलीधाम घाट पर हमेशा एक-दो नाव, डेंगी सत्तन यादव के लिए लगी रहती है, ताकि अगर पुलिस का छापा पड़े तो आसानी से सत्तन नाव के जरिये जमुनियां धार पार कर भाग सके. सत्तन के बारे में यह भी कहा जाता है कि वह एक बढ़िया तैराक भी है.
अगर नाव नहीं भी रहे तो वह आसानी से तैर कर गंगा पार कर सकता है. पिपलीधाम में सत्तन अभय यादव के यहां छिपता है. नकुल के इस खुलासे के बाद भागलपुर पुलिस की भी नींद उड़ गयी है. दरअसल जिस सत्तन को पुलिस लंबे समय से खोज रही है, वह सत्तन पिपलीधाम में आकर मौज-मस्ती करता है और फिर चला जाता है. लेकिन पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगती है.
मनोहर की हत्या के बाद चर्चा में आया सत्तन. 2004 में राजद नेता लक्ष्मी यादव के भाई मनोहर यादव की हत्या के बाद सत्तन यादव रातोंरात सुर्खियों में आ गया. कुछ दिन बाद सत्तन ने राजद नेता लक्ष्मी यादव की भी हत्या कर दी थी. दोनों भाई की हत्या के बाद नाथनगर व दियारा इलाके में सत्तन की तूती बोलनी लगी. किसान, व्यवसायियों से रंगदारी मांगे जाने का सिलसिला शुरू हो गया है. नाथनगर स्टेशन के दर्जनों व्यवसायियों क डरा-धमका कर सत्तन और उसकी सेना रंगदारी वसूलने लगी. नाथनगर के व्यवसायी राजीव साह व राम लखन मंडल को सत्तन ने गोली मार दी. 2006 में नाथनगर के पासी टोला में सत्तन ने पुलिस दल पर हमला कर दिया. सत्तन और उसकी सेना के साथ पुलिस की भुठभेड़ हो गयी. सत्तन ने हवलदार केपी सिंह को बम कर घायल कर दिया था.