भागलपुर: पूर्वी बिहार से झारखंड को जाने वाली सभी क्षतिग्रस्त पुलों के निर्माण पर अनुमानित लागत 35 करोड़ आयेगा. पथ निर्माण विभाग के प्रमंडलीय कार्यालय से सोमवार को प्रस्ताव हेड क्वार्टर पहुंच गया है.
स्वीकृति प्रदान को लेकर कार्रवाई शुरू हो गयी है. संभवत: इस माह के आखिरी सप्ताह तक में प्रस्ताव को मंजूरी मिल जायेगी. बरसात के बाद तमाम क्षतिग्रस्त पुलों के स्थान पर नये पुलों का निर्माण कार्य शुरू होगा. एक्सपर्ट इंजीनियर की माने तो अर्धनिर्मित चंपा पुल के निर्माण पर करीब 12 करोड़ खर्च आयेगा. जबकि 4.61 करोड़ खर्च हो चुका है. इसकी योजना 11.78 करोड़ की है. महंगाई के कारण निर्माण कार्य की लागत में अंतर आयेगा. अर्धनिर्मित भैना पुल के निर्माण पर करीब 10 करोड़ से अधिक का खर्च आयेगा. जबकि 8.18 करोड़ खर्च हो चुका है.
इसकी योजना 11.60 करोड़ की थी. इस पर भी महंगाई का असर पड़ने के कारण लागत में बढ़ोतरी आयेगी. घोरघट के अर्धनिर्मित पुलों को अब पूरा करने में पांच करोड़ खर्च हो सकता है. जबकि 2.69 करोड़ खर्च हो चुका है. इसकी योजना 5.29 करोड़ की है. क्षतिग्रस्त बैजानी पुल के स्थान पर नया पुल के निर्माण पर पांच करोड़ खर्च होने का अनुमान है. वहीं परसबन्ना पुल के निर्माण पर भी पांच करोड़ की लागत आने की उम्मीद है. जमुई में गंगटा जंगल के पास धंस चुकी पुलिया के स्थान पर नया पुल के निर्माण पर तीन करोड़ की लागत आ सकती है. अगर फंड आड़े नहीं आया, तो पुल अगली बरसात तक बन कर तैयार हो जायेगा. अन्यथा सालों लग सकता है.
नहीं बन रही सड़क
राष्ट्रीय उच्च पथ प्रमंडल, भागलपुर हो या पीडब्ल्यूडी क्षतिग्रस्त पुल के कारण सड़क निर्माण का कार्य बंद हो गया है. इस कारण लगभग एक माह से सड़क का निर्माण कार्य पूरी तरह से बंद है. चलने योग्य बनाने के लिए मेंटेनेंस कार्य भी ठप है. वैकल्पिक बाइपास में थोड़ा बहुत काम होने के बाद से बंद है, तो घूरनपीर बाबा रोड बन कर भी अधूरा पड़ा है. विक्रमशिला सेतु पहुंच पथ का निर्माण कार्य अब तक शुरू नहीं हो सका है. विक्रमशिला सेतु पहुंच पथ का निर्माण कार्य पूरा कराने को लेकर साईं इंजीकॉन के पास लगभग एक माह ही शेष रह गया है. घूरनपीर बाबा रोड का निर्माण कार्य की निर्धारित तिथि से तीन माह ज्यादा बीत चुका है.