सबौर: सबौर प्रखंड में प्राथमिक विद्यालय, मध्य विद्यालय और हाइस्कूल की स्थिति ठीक नहीं है. कहीं शिक्षक की कमी तो कहीं भवन के अभाव में बच्चे जैसे-तैसे पढ़ाई कर रहे हैं. प्रखंड में कुल 72 स्कूल हैं.
इनमें सात विद्यालय को अपना भवन नहीं है. ग्रामीणों की मानें तो उनलोगों ने स्कूल के भवन के लिए कई बार जनप्रतिनिधि व अधिकारियों से गुहार लगायी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. नया टोला कुरपट गांव में महादलित परिवार के लिए एकमात्र स्कूल प्राथमिक विद्यालय नया टोला कुरपट है, जो भवनहीन है. यहां सामुदायिक भवन में मुसहर व हरिजन परिवार के दो सौ बच्चे पढ़ाई करते है. हालांकि यहां प्रधान शिक्षक सहित चार शिक्षक हैं, लेकिन वे कमरे के अभाव में सभी वर्ग के बच्चों को एक साथ बैठा कर पढ़ाई करा रहे हैं.
पेड़ के नीचे पढ़ते हैं बच्चे. स्थानीय बाल कुमार यादव, अधिक लाल ऋषि, उदय रविदास, देवेंद्र मंडल, वार्ड सदस्य मांगन मंडल आदि ने बताया कि पूरे प्रखंड में मात्र एक ही महादलित बस्ती कुरपट में है. 2005 में यहां प्राथमिक विद्यालय कुरपट की स्थापना की गयी, लेकिन आज तक स्कूल का भवन नहीं बना है. भवन के अभाव में बच्चे पेड़ के नीचे पढ़ाई करते हैं. स्थिति तो यह है कि बच्चों के पानी पीने के लिए भी एक चापाकल तक नहीं है.
प्रधानाचार्य ने बताया. प्रधान शिक्षक उर्मिला कुमारी ने बताया कि चौपाल के बगल में स्कूल का भवन अधूरा है. फिलहाल सामुदायिक भवन में दो कमरे में किसी तरह 201 बच्चों को पढ़ाना पड़ रहा है. सामुदायिक भवन में दो कमरा है. जगह की कमी के कारण ऑफिस में और बरामदे पर सभी वर्गो के बच्चों को मिला कर पढ़ाई करा रहे हैं. स्कूल भवन के लिए उच्चधिकारी को लिखा गया है, लेकिन अभी तक अधूरा भवन का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है.
ये हैं भवनहीन विद्यालय. प्राथमिक विद्यालय लालूचक दियारा , प्राथमिक विद्यालय मोहद्दीपुर दियारा, प्राथमिक विद्यालय तातपुर रंगा, प्राथमिक विद्यालय नया टोला कुरपट, प्राथमिक विद्यालय घोषपुर, प्राथमिक विद्यालय मध्य यादव टोला इंगलिश और प्राथमिक विद्यालय पश्चिम टोला इंगलिश भवनहीन है.