भागलपुर: टॉपर बनने की तमन्ना हर बच्चे में होती है, जबकि बहुत से बच्चे इसमें पीछे छूट जाते हैं. इसके पीछे आखिर क्या वजह होती है. टॉपर की लेखन शैली ( राइटिंग स्किल) कैसी होती है, परीक्षा में उनके उत्तर देने का तरीका कैसा होता है, प्वाइंट वाइज उत्तर देते हुए शब्द-सीमा का वह कैसे ख्याल रख पाते हैं. ऐसी तमाम जानकारी सीबीएसइ स्टूडेंट्स को टॉपर्स की उत्तर-पुस्तिका से मिलेगी.
हर किसी का टॉपर होना संभव नहीं, लेकिन सभी बच्चे कमोबेश उनकी ही तरह पढ़ाई में तेज हो, इसको लेकर सीबीएसइ गंभीर है. इसलिए यह निर्देश जारी किया है कि स्कूल टॉपर से लेकर स्टेट और राष्ट्रीय टॉपर की कॉपी दिखा कर सीबीएसइ स्कूलों में पढ़ाई करायी जाये. सीबीएसइ के निर्देशानुसार टॉपर स्टूडेंट्स की उत्तर पुस्तिका सीबीएसइ के वेबसाइट पर होगी, ताकि स्कूलों द्वारा उसका प्रिंट निकाल कर क्लास में पढ़ाई के दौरान प्रयोग किया जा सके. इसकी शुरुआत केंद्रीय विद्यालय से हो चुकी है और जल्द ही शहर के सीबीएसइ स्कूलों में भी इसे लागू किया जायेगा.
कमजोर बच्चों के लिए स्पेशल क्लास
सीबीएसइ ने कमजोर बच्चों के लिए एकेडमिक सेशन में ही स्पेशल क्लास चलाने का निर्देश दिया है. शिक्षक द्वारा क्लास के कमजोर स्टूडेंट्स को चिह्न्ति कर एक रजिस्टर तैयार किया जायेगा और प्रिंसिपल के सहयोग से उन्हें स्पेशल क्लास दी जायेगी. सीबीएसइ के निर्देशानुसार कक्षा नौ से प्रायोगिकी सेशन बढ़ाते हुए विशेष रूप से फोकस किया जायेगा. स्टूडेंट्स की राइटिंग स्किल में सुधार के लिए टेस्ट पेपर राइटिंग बेस्ड होंगे. एनसीइआरटी की पुस्तकों में हल किये गये उदाहरण को भी गहराई से अभ्यास कराया जायेगा. 11वीं और 12वीं की कक्षा में सभी विषयों का मॉक टेस्ट लिया जायेगा.
सीबीएसइ ने हाल में ही निर्देश जारी किया है. पढ़ाई में गुणवत्ता के लिए कुछ निर्देशों का पालन हो रहा है. आने वाले समय में जल्द ही इन निर्देशों का भी पालन होगा और टॉपर की उत्तर पुस्तिका को क्लास में शामिल किया जायेगा.
चंद्रचूड़ झा, सिटी समन्वयक, सीबीएसइ