सहकारिता विभाग से सृजन महिला समिति की दोबारा ऑडिट शुरू

सृजन घोटाला : पहले की ऑडिट रिपोर्ट के बाद फिर से दिया निर्देश वरीय ऑडिटर विश्वेश्वर प्र. सिंह के नेतृत्व में छह सदस्यीय टीम गठित दो महीने के अंदर ऑडिट का काम होगा पूरा सितंबर के दूसरे सप्ताह में भेजेंगे रिपोर्ट भागलपुर : सहकारिता विभाग ने सृजन महिला विकास सहयोग समिति का दोबारा ऑडिट शुरू […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 18, 2019 5:06 AM

सृजन घोटाला : पहले की ऑडिट रिपोर्ट के बाद फिर से दिया निर्देश

वरीय ऑडिटर विश्वेश्वर प्र. सिंह के नेतृत्व में छह सदस्यीय टीम गठित
दो महीने के अंदर ऑडिट का काम होगा पूरा सितंबर के दूसरे सप्ताह में भेजेंगे रिपोर्ट
भागलपुर : सहकारिता विभाग ने सृजन महिला विकास सहयोग समिति का दोबारा ऑडिट शुरू करवाया है. इससे पहले विभाग ने घोटाला उजागर होने के बाद मुंगेर के ऑडिट अफसर से उक्त समिति का ऑडिट करवाया था. नये निर्देश को लेकर सहकारिता विभाग के जिला अंकेक्षण पदाधिकारी सुरेंद्र नाथ तिवारी ने सात सदस्यीय टीम का गठन किया.
इस टीम का नेतृत्व वरीय ऑडिटर विश्वेश्वर प्रसाद सिंह कर रहे हैं. सात जुलाई को गठित सात सदस्यीय टीम को अगले दो महीने में ऑडिट का काम पूरा करने का टास्क मिला है. इस तरह सृजन महिला विकास सहयोग समिति की दोबारा हुई ऑडिट रिपोर्ट सितंबर के दूसरे सप्ताह तक आ जायेगी. सहकारिता विभाग ने दोबारा ऑडिट रिपोर्ट सीधे मुख्यालय में अध्ययन के लिए भेजने का निर्देश दिया है. पूर्व की ऑडिट रिपोर्ट के अध्ययन के बाद कई विभाग के ऑडिटर व अन्य पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है.
सहकारिता विभाग की पहली ऑडिट में 1900 करोड़ की वित्तीय अनियमितता की थी रिपोर्ट: सहकारिता विभाग ने सृजन घोटाले उजागर होने के बाद मुंगेर के ऑडिटर के माध्यम से ऑडिट करवाया था. 625 पेज की रिपोर्ट में सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड, सबौर से उपकृत होने वालों की लंबी सूची थी.
इसमें समिति के खाते से 1900 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता की आशंका जतायी गयी थी. घोटाले के बाद 11 महीने में पूरा हुए ऑडिट रिपोर्ट को सीधे पटना में निबंधक, सहयोग समितियां को भेजी गयी थी. इस रिपोर्ट में संस्था से लोन लेनेवालों की लंबी सूची थी. सूची में पिछले एक दशक से अधिक समय में संस्था से उपकृत होने वाले कई आइएएस, डिप्टी कलेक्टर, राजनीतिक दलों से जुड़े लोग, जनप्रतिनिधि, मीडिया प्रतिनिधियों के नाम थे.
अंकेक्षण के दौरान सृजन संस्था की डायरी, सफेद व लाल रजिस्टर तथा छोटे-छोटे नोटबुक में की गयी इंट्री में लिखे तथ्य को भी शामिल किया गया था. रिपोर्ट में उन महिलाओं के भी नाम थे, जिन्होंने यहां काम किया और दैनिक मजदूरी कर राशि सृजन बैंक में जमा किया. गरीब महिलाओं की जमा राशि का किस तरह उपयोग किया जाता था, इसकी भी चर्चा रिपोर्ट में की गयी. ऐसे हजारों महिलाओं की राशि वापसी की अनुशंसा भी रिपोर्ट में की गयी है. बड़े लोगों ने यहां से लोन लेकर कैसे अपने व्यापार को बढ़ाया, इसका भी उल्लेख था.

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