भागलपुर: जिला ग्रामीण विकास अभिकरण (डीआरडीए) के भवन में मंगलवार देर रात दो से तीन बजे के बीच भीषण आग लग गयी. आग डीआरडीए भवन के ऊपरी तल पर स्थित सभागार में लगी. सभागार में इन दिनों सामाजिक, आर्थिक जनगणना के दावा-आपत्ति निष्पादन के बाद डाटा इंट्री का काम हो रहा था.
आग के कारण सभागार पूरी तरह जल गया. साथ ही डाटा इंट्री के लिए लगाये गये 49 कंप्यूटर, कुरसी, टेबुल सहित अन्य सामान भी आग की भेंट चढ़ गये. जनगणना के बाद आये दावा-आपत्ति के निष्पादन के 18 हजार फार्म भी इस आग में राख हो गये. पांच बजे के आसपास सूचना मिलने पर पांच दमकल की गाड़ियों ने लगातार प्रयास से सुबह करीब पौने नौ बजे आग पर काबू पाया.उप विकास आयुक्त (डीडीसी) डॉ चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि फिलहाल प्राथमिक आकलन के अनुसार इस आगजनी में करीब 70 लाख रुपये का नुकसान हुआ है.
आग लगने का कारण उन्होंने प्रथम दृष्टया शॉर्ट सर्किट बताया. हालांकि उन्होंने कहा कि इसकी जांच के लिए सदर एसडीओ के नेतृत्व में एक टीम गठित की गयी है. 24 घंटे के अंदर टीम को रिपोर्ट देनी है, जिसके बाद ही इसके सही कारण व नुकसान का सही आकलन हो पायेगा. इसके अलावा डीडीसी ने बताया कि आग के कारण सामाजिक आर्थिक जनगणना के दावा-आपत्ति निष्पादन का कार्य प्रभावित नहीं हुआ है. इसको लेकर सभी बीडीओ व डाटा इंट्री करने वाले ऑपरेटरों एवं एनआइसी के पदाधिकारियों की आपात बैठक बुलायी गयी थी. उन्होंने कहा कि ऑनलाइन डाटा इंट्री होने के कारण अपलोड हो चुके सभी डाटा सुरक्षित हैं. आग के कारण जो थोड़े-बहुत फार्म बी व सी (दावा आपत्ति के फार्म) नष्ट हुए हैं, उसके डिटेल सभी प्रखंड में एक पंजी में संधारित हैं. वहां से उसे चिह्न्ति कर दोबारा फार्म भरवा कर उसकी डाटा इंट्री कर दी जायेगी. उन्होंने कहा कि किसी को इससे हड़बड़ाने की आवश्यकता नहीं है और न ही दोबारा दावा-आपत्ति देने की ही आवश्यकता है.
पुलिस पेट्रोलिंग ने दी सूचना : डीआरडीए भवन में लगी भीषण आग के बाद भी सही समय पर इसकी भनक किसी को नहीं लगी. सुबह करीब पांच बजे के आसपास आदमपुर थाना की पेट्रोलिंग पार्टी ने समाहरणालय परिसर स्थित डीआरडीए भवन से आग की लपटें व धुआं देख कर इसकी सूचना डीएसपी सिटी एवं फायर ब्रिगेड को दी. डीडीसी श्री सिंह ने बताया कि डीएसपी सिटी ने उन्हें डीआरडीए में आग लगने की सूचना की. सूचना मिलते ही वह तत्काल मौके पर पहुंचे और सदर एसडीओ को बुला कर आग पर काबू पाने के लिए फायर ब्रिगेड की और गाड़ियां मंगायी. उन्होंने बताया कि सुबह करीब साढ़े पांच बजे जब वह डीआरडीए पहुंचे तो सभागार 90 प्रतिशत जल चुका था. यदि आग बुझाने में थोड़ी और देरी हो जाती तो बड़ा हादसा भी हो सकता था. फायर ब्रिगेड कर्मचारियों ने आग को सभागार से आगे नहीं बढ़ने दिया. यदि आग भवन के अन्य कमरों में फैल जाती तो मनरेगा, कल्याण विभाग, सामाजिक सुरक्षा आदि विभागों को भी भारी नुकसान हो सकता था.