भागलपुर: राज्य औषधि निरीक्षक हेमंत कुमार सिन्हा द्वारा 23 तरह की दवाओं पर बैन करने के जारी निर्देश की कॉपी तीन दिन में भी सीएस कार्यालय से सदर अस्पताल तक नहीं पहुंच सकी. सोमवार को ड्रग इंस्पेक्टर प्रमोद कुमार ने सीएस कार्यालय को हार्ड कॉपी उपलब्ध करा दिया था पर प्रभारी सिविल सजर्न डॉ रामचंद्र प्रसाद को वह कॉपी मंगलवार की शाम दिखायी गयी. यह स्थिति तब है जब दवाओं के मामले को लेकर विधानसभा तक में हंगामा मचा हुआ है.
जानकारी के अनुसार सरकारी अस्पतालों में इस्तेमाल होनेवाली दवाओं में 23 तरह की दवाओं को मेडिकल कॉरपोरेशन ने सब स्टैंडर्ड दवा बताया है. कॉरपोरेशन ने राज्य औषधि नियंत्रक को पांच जुलाई को पत्र लिख कर इस पर बैन लगाने की बात कही. इसके बाद औषधि नियंत्रक ने राज्य के सभी जिलों के अस्पतालों में इन दवाओं पर बैन लगा दिया. इसके लिए सभी जिलों के ड्रग इंस्पेक्टर को उक्त दवाओं की सूची व बैच नंबर उपलब्ध करा दिया गया. साथ ही यह भी निर्देश दिया गया कि यह कॉपी सभी सरकारी अस्पतालों में भी पहुंच जाये.
ड्रग इंस्पेक्टर के मुताबिक यह कार्य सोमवार को ही कर दिया गया पर सीएस कार्यालय से सभी अस्पतालों के लिए निर्देश जारी नहीं हुआ. प्रभारी सीएस को खुद यह जानकारी नहीं थी कि उनके कार्यालय में ऐसा कोई पत्र भी आया है. वह तो अखबारों में खबर छपने के बाद जब सीएस ने जानकारी ली तो उन्हें मंगलवार को पत्र दिखाया गया. इधर प्रभारी सीएस ने बताया कि बुधवार की शाम सभी अस्पतालों के लिए निर्देश जारी कर दिया गया है. निर्देश पर मैं ने साइन कर दिया है. सभी को पत्र भेज दिया जायेगा. इधर सदर अस्पताल के प्रभारी डॉ संजय कुमार ने देर शाम बताया कि उन्हें अभी तक पत्र तो नहीं मिला है पर अस्पताल प्रबंधक को वह पत्र ऊपर करने को कहा गया है.