थी हर आंख नम…गांव वाले बोले-अपनी शहादत से रतन ने सबका सिर किया ऊंचा

भागलपुर : गुरुवार की शाम को अचानक अपने गांव के लाल रतन कुमार ठाकुर की शहादत की खबर सुनते ही पैतृक गांव समेत आसपास के इलाके में शोक की लहर दौड़ गयी. शुक्रवार की सुबह से ही सन्हौला के अमंडडा थाना क्षेत्र के रतनपुर गांव में लोगों व सगे संबंधियों की भीड़ जुटने लगी. लोग […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 16, 2019 6:42 AM

भागलपुर : गुरुवार की शाम को अचानक अपने गांव के लाल रतन कुमार ठाकुर की शहादत की खबर सुनते ही पैतृक गांव समेत आसपास के इलाके में शोक की लहर दौड़ गयी. शुक्रवार की सुबह से ही सन्हौला के अमंडडा थाना क्षेत्र के रतनपुर गांव में लोगों व सगे संबंधियों की भीड़ जुटने लगी. लोग दिनभर शहीद के पार्थिव शरीर के आगमन के इंतजार में रस्ता निहारते रहे. सब शहीद के पिता राम निरंजन ठाकुर व भाई मिलन से यही पूछते रहे कि श्रीनगर से क्या सूचना मिली. शहीद के छोटे भाई मिलन ने बताया कि देर रात रतन का पार्थिव शरीर पटना लाया जायेगा. पटना में शहीद को सम्मान के बाद सुबह आठ बजे तक पार्थिव शरीर गांव पहुंचने का अनुमान है. अंतिम संस्कार कहलगांव में किया जायेगा.

गांव में मातमी सन्नाटा, रह-रहकर शहीद के घर गूंजता रुदन-कंद्रन और चीत्कार : अपने गांव के अनमोल रतन की शहादत की खबर से पूरे गांव में मातमी सन्नाटा पसरा रहा. न तो किसी के घर चूल्हा जला और न ही गांव के स्कूल में ही कोई बच्चा तक पहुंचा. हां, रह-रहकर इस मातमी सन्नाटे में शहीद के घर से आ रही रुदन-कंद्रन और चीत्कार की आवाज से जरूर लोगों का दिल छलनी होता रहा. स्कूली बच्चों के हाथ आज किताबों की जगह तिरंगे ने ले ली थी. हर आंख नम थी और गला रुंधा-रुंधा सा, लेकिन अपने गांव के लाल की शहादत से सबका सीना फक्र से तना-तना सा. जो भी मिलता अपने चहेते की बहादुरी के किस्से कहकर नहीं अघाता. सबके दिल से रह-रहकर एक आह सी निकलती और गिनती के ही कुछ शब्द बयां करते-करते रुंध चुका गला नि:शब्द हो रोते-बिलखते परिजनों के साथ हो जाता.
ग्रामीणों ने शहीद को दी श्रद्धांजलि : बता दें कि शहर के लालूचक में किराये के मकान पर रह रहे कांस्टेबल रतन के पिता रामनिरंजन ठाकुर पूरे परिवार के साथ शुक्रवार सुबह रतनपुर पहुंचे. गांव के लोगों ने परिवार के आने से पहले घर के सामने शहीद की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी. शहीद के पार्थिव शरीर के सम्मान में गांव के मुहाने पर तोरण द्वार बनाये. लाउडस्पीकर से आसपास के पंचायत में प्रचार किया गया कि शुक्रवार शाम को सभी लोग शहीद की शोकसभा में पहुंचे. इसके बाद आसपास के गांव के लोग हाथ में आतंक विरोधी नारे लिखी तख्तियां लेकर पहुंच गये.

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