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सरकारी स्कूलों में प्रबंध समिति गठित नहीं करनेवाले 36 प्रधानाचार्यों के वेतन पर रोक
भागलपुर : सरकारी प्लस टू स्कूल और हाइस्कूल में प्रबंध समिति का गठन नहीं करने वाले प्रधानाचार्यों का वेतन जिला शिक्षा कार्यालय ने रोक दिया है. जिले में ऐसे 36 स्कूल हैं, जिनके खिलाफ कार्रवाई की गयी है. अगर 10 जून तक समिति के गठन की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई तो प्रधानाचार्य पर केस भी […]
भागलपुर : सरकारी प्लस टू स्कूल और हाइस्कूल में प्रबंध समिति का गठन नहीं करने वाले प्रधानाचार्यों का वेतन जिला शिक्षा कार्यालय ने रोक दिया है. जिले में ऐसे 36 स्कूल हैं, जिनके खिलाफ कार्रवाई की गयी है. अगर 10 जून तक समिति के गठन की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई तो प्रधानाचार्य पर केस भी दर्ज किया जायेगा. नगर निगम क्षेत्र में प्रबंध समिति का गठन नहीं करने वाले स्कूलों की संख्या पांच हैं. जिला शिक्षा पदाधिकारी मधुसूदन पासवान ने बताया कि प्रधानाध्यापकों की लापरवाही के कारण प्रबंध समिति का गठन नहीं होने से सभी स्कूलों के विकास कार्य बाधित हैं.
सभी स्कूल के अकाउंट में विकास कोष की पांच से दस लाख की राशि रखी हुई है. इसे प्रबंध समिति की बैठक में निर्णय लेकर खर्च किया जाता है. जिन स्कूलों में प्रबंध समिति का गठन नहीं हुआ है वहां विकास कार्य ठप पड़ा है. योजना के पैसे खर्च नहीं होने पर वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर इसे सरेंडर कर दिया जाता है. जिन स्कूलों ने अपने यहां प्रबंध समिति के संचालन का दावा किया है, उन्होंने इस बात की जानकारी नहीं दी है कि समिति की पिछली बैठक किस तारीख को की गयी.
69 स्कूलों में प्रबंध समिति के संचालन की कागजी रिपोर्ट
प्रधान सचिव के आदेश पर जिला शिक्षा कार्यालय ने पूरे जिले के 105 हाइ व प्लस टू स्कूलों से प्रबंध समिति की स्थिति को लेकर रिपोर्ट मंगवायी. 105 में 69 स्कूलों ने कहा कि हमारे स्कूल में प्रबंध समिति का संचालन हो रहा है. जिला शिक्षा कार्यालय ने बिना पड़ताल किये स्कूलों द्वारा भेजी गयी रिपोर्ट को सही माना है. इसी आधार पर आरडीडीइ कार्यालय को कागजी रिपोर्ट बना कर भेजी गयी. इनमें 36 स्कूलों में प्रबंध समिति नहीं होने की बात कही गयी.
विधायक होते हैं समिति के अध्यक्ष, पर बैठकों में आते नहीं, फोन पर होता काम
इधर, स्कूल के प्रधानाध्यापकों ने बताया कि 15 सदस्यीय समिति के अध्यक्ष विधायक होते हैं. बार-बार आग्रह के बावजूद जनप्रतिनिधि हमें समय नहीं देते हैं. वह कहते हैं कि आप खुद बैठक करें, रिपोर्ट पर हस्ताक्षर कर देंगे. जबकि जिला शिक्षा कार्यालय का स्पष्ट आदेश है कि बिना अध्यक्ष के बैठक का आयोजन नहीं करना है. कई स्कूल के शिक्षकों ने बताया कि फोन पर प्रधानाध्यापक और विधायक मिल कर विकास कोष की राशि खर्च करने की सेटिंग करते हैं. बैठक की कागजी रिपोर्ट बन जाती है.
शहर के जिन स्कूल प्रधानों पर हुई कार्रवाई
श्री हनुमान प्रसाद आदर्श उच्च विद्यालय चांदीपट्टी, मदनलाल बालिका उच्च विद्यालय, जगलाल उच्च विद्यालय, सुखराज राय उच्च विद्यालय नाथनगर, राय एचएमटी उच्च विद्यालय बरारी समेत 36 स्कूलों के प्रधानाचार्यों का वेतन रोका गया.
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