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भागलपुर जोन सेंसिटिव, अलर्ट जारी

भागलपुर : निपाह वायरस के लिए भागलपुर जोन सेंसिटिव माना गया है. भौगोलिक व पारिस्थितिक गतिविधि इसका कारण है. बंगाल, नेपाल, झारखंड के करीब 20 जिले के लोग रोजाना यहां आते हैं. कुछ लोग मायागंज अस्पताल में इलाज कराने, तो कुछ व्यापारिक मंडियों में काम से आते हैं. भागलपुर परिक्षेत्र में पुराने पेड़ों की भरमार […]

भागलपुर : निपाह वायरस के लिए भागलपुर जोन सेंसिटिव माना गया है. भौगोलिक व पारिस्थितिक गतिविधि इसका कारण है. बंगाल, नेपाल, झारखंड के करीब 20 जिले के लोग रोजाना यहां आते हैं. कुछ लोग मायागंज अस्पताल में इलाज कराने, तो कुछ व्यापारिक मंडियों में काम से आते हैं. भागलपुर परिक्षेत्र में पुराने पेड़ों की भरमार भी है, जिस पर चमगादड़ का बास है. इस वायरस का वाहक चमगादड़ को माना गया है. विभिन्न रिपोर्टों पर गौर करें, तो यह क्षेत्र इस वायरस के लिए सेंसेटिव माना गया है. स्वास्थ्य विभाग बिहार सरकार ने हाइ अलर्ट जारी कर दिया है. वायरस का मुख्य कारण चमगादड़ के साथ-साथ फल व सब्जी है. जिले में बंगाल, झारखंड और नेपाल और किशनगंज से भारी मात्रा में फल-सब्जी का आना-जाना होता है.

सब्जी या फल से वायरस शहर तक सकता है और लोग इसका सेवन कर वायरस के शिकार हो सकते हैं. इतना ही नहीं, यहां इसके सबसे बड़े वाह चमगादड़ भी काफी संख्या में पाये जाते हैं. डरें नहीं, सतर्कता बरतें: वायरस की कोई दवा नहीं है. डॉ हेमशंकर शर्मा करते हैं कि सतर्कता ही उपाय है. डरें नहीं, सतर्क रहें. अस्पताल में रोगी आते हैं, तो हमारे पास इनके लिए इलाज उपलब्ध नहीं है. ऐसे में इस वायरस से बचने के लिए परहेज एक मात्र उपाय है.

केला, आम, खजूर का सेवन करने से पहले रहें सतर्क
चमगादड़ की एक खास प्रजाति केला, आम और खजूर का सेवन करता है. जिसके बाद वह फल में एक खास तरह का वायरस छोड़ देता है. जो इंसान को बीमार बना देता है. ऐसे में अगर इन फलों का सेवन करते हैं, तो इसे अच्छी तरह से धो ले. फल में कोई दाग हो या कटे का निशान मिले तो ऐसे फलों से पहरेज कर लें.

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