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घरवाले लगाते रहे गुहार, रातभर सोती रही नर्स…और खून के कतरे के लिए जिंदगी की जंग हार गया मासूम
ड्यूटी पर तीनों नर्स बच्चे का इलाज और ब्लड देने से इनकार कर चली गयी सोने भागलपुर : मायागंज अस्पताल के पीडिया विभाग में शुक्रवार की देर रात दो दिन के मासूम को खून चढ़ाने के बदले ड्यूटी पर तैनात तीनों नर्सें सोती रही. नर्सों की लापरवाही से बीमार मासूम ने देर रात ही दम […]
ड्यूटी पर तीनों नर्स बच्चे का इलाज और ब्लड देने से इनकार कर चली गयी सोने
भागलपुर : मायागंज अस्पताल के पीडिया विभाग में शुक्रवार की देर रात दो दिन के मासूम को खून चढ़ाने के बदले ड्यूटी पर तैनात तीनों नर्सें सोती रही. नर्सों की लापरवाही से बीमार मासूम ने देर रात ही दम तोड़ दिया. नवजात के परिजनों ने बताया कि, देर रात बच्चा वार्ड में डॉक्टर ने कहा कि बच्चे को जल्द से जल्द खून चढ़ाना जरूरी है.
वे लोग ब्लड बैंक से ब्लड लेकर वार्ड में पहुंचे. यहां पहुंचने पर काफी देर तक उन्होंने ड्यूटी पर तैनात नर्सों को ढूंढ़ा. मौके पर मौजूद एक कर्मचारी ने बताया कि, सभी नर्स अभी सो रही हैं.
बाद में वे नर्सों के पास भी जाकर बच्चे को जल्द से जल्द ब्लड चढ़ाने को कहते रहे, लेकिन फिर भी सब सोती रहीं. इस दौरान काफी समय बीत गया और उधर मासूम की मौत हो गयी. परिजनों ने मामले की मौखिक शिकायत अस्पताल प्रबंधन से की है.
वहीं अस्पताल अधीक्षक ने ड्यूटी पर नर्स के सोने की बात से सीधे तौर पर इंकार किया है. बांका जिला के फूल्लीडूमर निवासी नोथा मुर्मू अपनी पत्नी प्रीति देवी के साथ चार अप्रैल को दोपहर सवा बाहर बजे मायागंज अस्पताल पहुंचा. उनके साथ दो दिन का नवजात भी था. जो गंभीर रोग से ग्रसित था. बच्चे की गंभीर हालत को देखते हुए इसे शिशु रोग विभाग के पीडिया वार्ड में भर्ती किया गया. जहां शुक्रवार अहले सुबह बच्चे की मौत हो गयी.
परिजनों का आरोप है कि वार्ड में एक भी नर्स नहीं थी. पीड़ित पिता ने मौखिक रूप से अस्पताल प्रबंधन से देर रात शिकायत की. जिसके बाद इसे लिखित रूप में लिखित रूप से देने कहा गया. लेकिन परिजन अपने बच्चे को लेकर अस्पताल से निकल गये.
गंभीर रूप से बीमार था बच्चा
शिशु रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ आरके सिन्हा ने कहा बच्चे का ब्रेन क्षतिग्रस्त था. प्रसव में लापरवाही होने से बच्चे इस तरह की बीमारी का शिकार होते हैं.
सौ में एक बच्चा ही इस बीमारी में बच पाता है. चार तारीख को बच्चा एडमिट हुआ था. बारह घंटे तक उसका इलाज चलता रहा. समय-समय पर दवाई दी गयी. बच्चे को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी और वह जन्म के बाद से रोया भी नहीं था. ऐसे में बच्चे को बारह घंटे तक हमारी टीम ने बचा कर रखा. नर्स और हमारे चिकित्सक ड्यूटी पर तैनात थे, इनसे किसी तरह की लापरवाही नहीं हुई है.
मामले की जांच होगी
विभाग में सीसी टीवी कैमरा लगा हुआ है. ऐसे में नर्स पर जो ड्यूटी में सोने का आरोप लग रहा है वह गलत है. सीसी टीवी फुटेज को देखकर इस मामले की जांच होगी. जो भी दोषी होंगे उस पर कार्रवाई की जाएगी.
डॉ राम चरित्र मंडल, अस्पताल अधीक्षक, मायागंज अस्पता
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