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भागलपुर : पढ़ाई के साथ लीडरशिप स्किल डवलपमेंट जरूरी
भागलपुर : भागलपुर इंजीनियरिंग काॅलेज में शुक्रवार को ‘करियर इन रिसर्च एंड हाइयर एजुकेशन सिनेरियो ‘ विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया़ सेेमिनार में भाभा एटोमिक रिसर्च सेंटर के एटाॅमिक व न्यूक्लियर साइंटिस्ट डॉ़ अमिताभ राय का व्याख्यान हुआ़ कार्यक्रम में बीआइटी मेसरा के पूर्व निदेशक व इग्नू के पूर्व प्रतिकुलपति प्रो जनार्दन झा, […]
भागलपुर : भागलपुर इंजीनियरिंग काॅलेज में शुक्रवार को ‘करियर इन रिसर्च एंड हाइयर एजुकेशन सिनेरियो ‘ विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया़ सेेमिनार में भाभा एटोमिक रिसर्च सेंटर के एटाॅमिक व न्यूक्लियर साइंटिस्ट डॉ़ अमिताभ राय का व्याख्यान हुआ़
कार्यक्रम में बीआइटी मेसरा के पूर्व निदेशक व इग्नू के पूर्व प्रतिकुलपति प्रो जनार्दन झा, टीएमबीयू के पीजी बाॅटनी विभाग के एचओडी डाॅ सुनील चौधरी व इंजीनियरिंग काॅलेज के प्राचार्य डॉ निर्मल कुमार भी शरीक हुए. उद्घाटन समारोह के बाद साइंटिस्ट डॉ़ अमिताभ राय ने छात्रों को इंजीनियरिंग की पढ़ाई के साथ साथ लीडरशिप स्किल को बढ़ाने की बात बतायी.
उन्होंने कहा कि क्लास में पढ़ाई के दौरान छात्र अपने शिक्षकों से प्रश्न पूछे़ जब छात्र और शिक्षक आपस में बातचीत करेंगे़ कठिन विषयों को समझने में आसानी होगी़ उन्होंने कहा कि ऑडियो, विजुअल, ग्राफिक्स जैसे मल्टीमीडिया टूल्स का इस्तेमाल कक्षा में जरूरी है़ टीम टीचिंग कंसेप्ट के सहारे दो शिक्षक मिलकर कक्षा का संचालन करे़ं
इसमें एक शिक्षक थ्योरी वहीं दूसरा शिक्षक लैब में छात्रों को पढ़ाए़ं ग्रेजुएट लेवल पर स्किल डेवलमेंट और रिसर्च वर्क का नियम लागू हो़ स्किल डवलपमेंट के लिए छात्रों को कंपनियों में इंटर्नशिप कराया जाये. इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य डॉ निर्मल कुमार ने कहा कि अतिथि की बातों को ध्यानपूर्वक सुनकर छात्र इसे अपने कॅरियर में लागू करे़ं
इंजीनियरिंग छात्रों से इंडस्ट्रियल रिसर्च जरूर कराएं
बीआइटी मेसरा के पूर्व निदेशक प्रो जनार्दन झा ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि पहले इंजीनियरिंग कोर्स में रिसर्च वर्क नहीं कराया जाता था़ विदेशों में काम करने के दौरान हमने पाया कि वहां पर रिसर्च वर्क को प्रमुखता दी जाती है़
भारत में इंजीनियरिंग छात्रों को इंडस्ट्री से जुड़े रिसर्च कराया जाए़ छात्रों के प्रोजेक्ट को इस सेक्टर में लागू करने की जरूरत है़ देश में औद्योगिक क्रांति लाने के लिए यह पहल जरूरी है, जिससे सस्ता और अच्छा प्रोडक्ट बनाया जाये. फिलहाल छात्र सिर्फ थ्योरी के भरोसे अपनी इंजीनियिरंग की पढ़ाई पूरी कर रहे हैं.
कार्यक्रम में टीएमबीयू के डॉ. सुनील चौधरी ने जेनेटिक्स और इंजीनियरिंग से जुड़ी कई बातें छात्रों को बतायी. इंजीनियरिंग काॅलेज के डॉ. शशांक शेखर ने अतिथियों का स्वागत अंगवस्त्र और बुके देकर किया. मौके पर कॉलेज के शिक्षक व इंजीनियरिंग छात्र मौजूद थे.
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