भागलपुर: वर्ष 1998 के बाद से भागलपुर विपरीत धारा में बह रहा है. केंद्र में जिसकी सरकार रही, उनका सांसद भागलपुर में नहीं रहा. भाजपा सांसद स्व प्रभाष चंद्र तिवारी और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार से अबतक का उदाहरण है.
19 मार्च 1998 में भाजपा के अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार बनी और भागलपुर के सांसद प्रभाष चंद्र तिवारी बने, लेकिन कुछ ही माह बाद 1999 में पुनर्मतदान हुआ और भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के सुबोध राय सांसद बन गये.
इसके बाद वर्ष 2004 में सुशील कुमार मोदी भाजपा के सांसद बने, तो केंद्र में 22 मई 2004 को कांग्रेस के मनमोहन सिंह की सरकार बनी. इसके बाद दोबारा चुनाव 2006 में हुआ और भागलपुर का सांसद शाहनवाज हुसैन बने, तो केंद्र में कांग्रेस के मनमोहन सिंह की सरकार रही. इसके बाद 2009 में भागलपुर का सांसद शाहनवाज हुसैन बने, तो केंद्र में कांग्रेस के मनमोहन सिंह की सरकार 22 मई 2009 को बनी. इस बार भी 2014 के लोकसभा चुनाव में भागलपुर से राजद के शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल सांसद बने हैं, लेकिन केंद्र में भाजपा के नरेंद्र मोदी की सरकार बनने जा रही है.