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शब-ए-बरात कल, बरकत और अजमत वाली रात
भागलपुर : शब-ए-बरात की रात मुकद्दस, बरकत व अजमत वाली है. जो भी सच्चे दिल से अपने गुनाहों की माफी मांग लेता है. जिंदगी में गुनाह नहीं करने का अजम करता है. अल्लाह पिछले गुनाहों को माफ कर देते हैं. इस रात बुरे काम नहीं करने का संकल्प लें. अल्लाह उसे माफ फरमायेगा. उक्त बातें […]
भागलपुर : शब-ए-बरात की रात मुकद्दस, बरकत व अजमत वाली है. जो भी सच्चे दिल से अपने गुनाहों की माफी मांग लेता है. जिंदगी में गुनाह नहीं करने का अजम करता है. अल्लाह पिछले गुनाहों को माफ कर देते हैं. इस रात बुरे काम नहीं करने का संकल्प लें. अल्लाह उसे माफ फरमायेगा. उक्त बातें खानकाह-ए-पीर दमड़िया के साहिबे सज्जादा सैयद शाह फखरे आलम हसन ने कही.
शब-ए-बरात मंगलवार को मनाया जायेगा. उन्होंने बताया कि हजरत पैगंबर ने फरमाया है कि यह रात बख्शीश व मगफिरत की रात है. बदनसीब वह लोग हैं, जो इस रात में अपने गुनाहों का मगफिरत नहीं कराते. इस रात में शराबी, हसद-जलन व बालदेन का ना फरमानी करने वालों की दुआ अल्लाह कबूल नहीं फरमाते हैं. ऐसे लोगों की बख्शीश भी अल्लाहताला नहीं फरमाते हैं.
शराब बुराइ की जड़ है. उन्होंने ईमानवालों से अपील की है कि शब-ए-बरात की रात जहां तक हो सके, अल्लाह की इबादत में रातभर गुजारे. शहर व देश में अमन, शांति बनी रहे की दुआ मांगे.
अमन व शांति की दुआ मांगी साहिबे सज्जादा : खानकाह-ए-पीर दमड़िया के साहिबे सज्जादा ने सैयद शाह फखरे आलम हसन शहर की अमन व सलामती के लिए अल्लाह के घर काबा शरीफ में दुआ मांगी है. साहिबे सज्जादा इन दिनों मक्का गये हैं. उन्होंने कहा कि अल्लाह से दुआ करते हैं कि सच्ची आरजू रखने वाले को इस मुबारक मक्का शरीफ की हाजिरी का मौका मिले. उन्होंने देश में अमन, शांति व सदभाव के लिए अल्लाह के घर में दुआ मांगी है.
गुनाहों के माफी की रात
भागलपुर. शब-ए-बरात गुनाहों से माफी की रात है. इस्लामिक कैलेंडर के शाबान के 15वीं तारीख को मनाया जाता है. जिला शिया वक्फ बोर्ड के सचिव जीजाह हुसैन ने कहा कि शब-ए-बरात की रात अल्लाह इंसानों के अच्छे व बुरे कामों का आकलन करता है. इस रात लोग अपने गुनाहों की माफी के लिए अल्लाह से गिड़गड़ाते हैं. इस रात में लोगांे को ज्यादा से ज्यादा इबादत करना चाहिए.
लोगों को चाहिए कि रात भर जाग कर नफिल नमाजें पढ़ें और अल्लाह से अपने परिजनों की मगफिरत की दुआ मांगे. फिर सुबह होकर रोजा रखना ज्यादा बेहतर होता है. इस दिन रोजा रखने का भी सबाब ज्यादा होता है.
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