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अस्पताल अधीक्षक को शोकॉज, टेंडर में गड़बड़ी व चयन से पहले लैब को जगह देने पर जवाब तलब
भागलपुर : जेएलएमएनसीएच में खाना परोसने वाली एजेंसी चयन के टेंडर में गड़बड़ी पकड़े जाने के मामले के बाद परिसर में पैथ लैब खोलने को लेकर चयन की प्रक्रिया में गड़बड़ी उजागर हुई है. यह खुलासा स्वास्थ्य के क्षेत्रीय अपर निदेशक व वाणिज्य कर पदाधिकारी की जांच टीम की रिपोर्ट में हुआ है. पिछले दिनों […]
भागलपुर : जेएलएमएनसीएच में खाना परोसने वाली एजेंसी चयन के टेंडर में गड़बड़ी पकड़े जाने के मामले के बाद परिसर में पैथ लैब खोलने को लेकर चयन की प्रक्रिया में गड़बड़ी उजागर हुई है. यह खुलासा स्वास्थ्य के क्षेत्रीय अपर निदेशक व वाणिज्य कर पदाधिकारी की जांच टीम की रिपोर्ट में हुआ है.
पिछले दिनों प्रमंडलीय आयुक्त राजेश कुमार के निर्देश पर दो सदस्यीय जांच कमेटी का गठन हुआ था. टीम ने सात बिंदुओं पर अपना मंतव्य देते हुए सिफारिश की है. इसमें प्रथम दृष्टया में अल्ट्रा मॉडर्न डायग्नोस्टिक सेंटर के चयन के लिये तकनीकी निविदा में अपनायी गयी प्रक्रिया में अनियमितता बरतने का आरोप लगाया है.
निविदा में भाग लेनेवाले एक निजी लैब के टेंडर प्रक्रिया से पहले ही आउटडोर की पहली मंजिल पर कमरा नंबर-47 में काम करने के आरोप को सही पाया है. अब कमिश्नर ने अस्पताल अधीक्षक रामचरित्र मंडल को शोकॉज किया है. इसमें टेंडर में गड़बड़ी व चयन से पहले लैब को जगह देने पर जवाब मांगा है.
कमिश्नर ने दो सदस्यीय जांच कमेटी का किया गठन : एक फरवरी को मिली शिकायत पर कमिश्नर ने संज्ञान लेते हुए छह फरवरी को क्षेत्रीय अपर निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. आेमप्रकाश प्रसाद व वाणिज्य कर पदाधिकारी की टीम का गठन किया. इस टीम ने जांच की प्रक्रिया शुरू की और सात अप्रैल को रिपोर्ट सौंप दी.
यह है चयनित निजी लैब पर लगाये आरोप के दिये मंतव्य : ट्रेड लाइसेंस, निजी लैब के टेंडर में ट्रेड लाइसेंस की कॉपी सौंपी गयी, उसमें निगम से 27 जनवरी 2017 को लाइसेंस लिया है. यह लाइसेंस 31 मार्च 2017 तक वैध था. अस्पताल में लैब चयन का टेंडर 18 अक्तूबर 2017 को निकला था.
टेंडर से पहले दिया काम: अस्पताल अधीक्षक ने स्वीकार किया कि अस्पताल से डोयन पैथोलॉजी के हटाये जाने के बाद व नये लैब के टेंडर चयन करने के पूर्व में कुछ समय के लिये निजी लैब को अस्पताल के आउटडोर की पहली मंजिल पर कमरा दिया था.
अनुभव पर भी सवाल: जिस निजी लैब का चयन हुआ है, उसने दो साल नौ माह के अनुभव का प्रमाण पत्र दिया है. यह अनुभव टेंडर में दी गई शर्त से कम है.
नौ जीएनएम छात्रा और 13 महिलाओं के विरुद्ध नालसीवाद
सीजेएम कोर्ट में गुरुवार को जेएलएनएमसीएच की नौ जीएनएम छात्रा समेत 13 महिला पर मुकदमा हुआ. ट्रेनर सह डाटा इंट्री ऑपरेटर अजय कुमार ने नालसीवाद में बताया कि जीएनएम छात्रा व अन्य के साथ 11 अप्रैल को पुस्तकालय में किताब जमा करने में हुई देरी पर लेट फाइन लगाने से विवाद बढ़ा था और सभी ने सामूहिक रूप से उनके साथ मारपीट की और कंप्यूटर समेत अन्य उपकरण तोड़ दिया. मारपीट के दौरान छात्राओं ने उनकी अंगूठी व मोबाइल भी छीन लिया था.
कमिश्नर राजेश कुमार को टेंडर चयन प्रक्रिया में गड़बड़ी की मिली थी शिकायत
दीपनगर के अक्षिता डायग्नोस्टिक सेंटर के संचालक ने शिकायत की थी कि जेएलएमएनसीएच में अल्ट्रा मॉडर्न डायग्नोस्टिक सेंटर के चयन को लेकर टेंडर प्रक्रिया का उल्लंघन करते हुए एक निजी लैब का चयन किया. आरोप लगाया कि अवैधानिक तरीके से कार्यरत उक्त निजी लैब द्वारा राज्य स्वास्थ्य समिति के नॉर्म व गाइडलाइन का उल्लंघन किया जा रहा है. साथ ही बताया कि जिस निजी लैब का चयन हुआ, वह सिविल सर्जन कार्यालय में रजिस्टर्ड भी नहीं है. इस बात की सूचना आरटीआइ में दी गयी है.
सदर अस्पताल में अल्ट्रासाउंड-एक्सरे सेवा बंद
आइजीइएमएस की ओर से संचालित अल्ट्रासाउंड एवं एक्सरे सेवा लोकनायक जयप्रकाश नारायण सदर अस्पताल में बंद हो गयी. इससे मरीजों की परेशानी बढ़नी तय है. मरीजों के अनुसार उन्हें अब अधिक से अधिक पैसे देकर निजी जांच केंद्र पर जांच कराना पड़ रहा है, लेकिन वह भी विश्वसनीय नहीं है. सिविल सर्जन डॉ. विजय कुमार ने स्थानीय स्तर पर वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश दिये थे, लेकिन कोई व्यवस्था नहीं हुई. इससे मरीजों को दूसरे स्थानों पर जाकर एक्स-रे कराना पड़ा, जबकि अल्ट्रासाउंड पहले से ही बंद पड़े थे.
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