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मनरेगा की सभी योजनाएं ठप

* मनरेगा कर्मियों के सामूहिक इस्तीफा देने के कारण परेशानी, विभिन्न प्रखंडों के 619 विकास कार्यो पर लगा विराम।। संजय निधि ।। भागलपुर : जिला में महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के सभी कर्मचारियों के एक साथ इस्तीफा देने से ग्रामीण क्षेत्रों में चल रही विकास की हजारों योजनाएं ठप हो गयी हैं. […]

* मनरेगा कर्मियों के सामूहिक इस्तीफा देने के कारण परेशानी, विभिन्न प्रखंडों के 619 विकास कार्यो पर लगा विराम
।। संजय निधि ।।
भागलपुर : जिला में महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के सभी कर्मचारियों के एक साथ इस्तीफा देने से ग्रामीण क्षेत्रों में चल रही विकास की हजारों योजनाएं ठप हो गयी हैं. जिला में फिलहाल सभी प्रखंडों को मिला कर 619 योजनाओं पर काम चल रहा था. जो योजनाएं चल रही थी, उनमें से अधिकतर ग्रामीण संपर्क सड़क, ईंट सोलिंग व बाढ़ नियंत्रण आदि से संबंधित थी. डीडीसी राजीव प्रसाद सिंह रंजन ने पूरे आंकड़े बता पाने में असमर्थता जताते हुए केवल इतना ही कहा कि फिलहाल सभी योजनाएं बंद हो गयी हैं. इस्तीफा देने वाले 547 कर्मियों ने कई गंभीर आरोप लगाये हैं.

* बातचीत के लिए किया आमंत्रित
जिला प्रशासन की ओर से मनरेगा कर्मियों को रविवार को बातचीत के लिए आमंत्रित किया गया है. बातचीत के लिए जिला पदाधिकारी की ओर से अधिकृत उप विकास आयुक्त (डीडीसी) कर्मचारियों से उनकी समस्याओं व इस्तीफा देने के कारणों को लेकर बातचीत करेंगे. डीडीसी राजीव प्रसाद सिंह रंजन ने बताया कि सभी कर्मचारियों को सूचना भेज दी गयी है.

* भयादोहन का लगाया आरोप
ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव को भेजे अपने त्यागपत्र में सभी मनरेगा कर्मियों ने योजनाओं की जांच के नाम पर वरीय पदाधिकारियों द्वारा भयादोहन का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि जिला के वरीय पदाधिकारियों व लोकपाल के मनमाने एवं अव्यावहारिक निर्णय से वे व्यथित होकर त्यागपत्र दे रहे हैं. इन पदाधिकारियों का उनके प्रति हमेशा ही नकारात्मक रुख रहता है.

मनरेगा कर्मियों का इस्तीफा विशुद्ध रूप से विभागीय मसला है. पिछले दिनों सन्हौला प्रखंड के कार्यक्रम पदाधिकारी धर्मेद्र कुमार चौधरी व ग्राम पंचायत बड़ी नाकी के पीटीए रघुनंदन सिंह के विरुद्ध एक लाख रुपये के गबन करने, अभिलेख को छिपाने व नष्ट करने के आरोप में एफआइआर दर्ज कराने के लिए डीएम व डीडीसी को लिखा गया था. प्राप्त शिकायत के आलोक में उनसे दस्तावेज की मांग की जाती है.

योजनाओं की जांच की पूर्व जानकारी पंचायत रोजगार सेवक, कार्यक्रम पदाधिकारी व मुखिया को नहीं दिये जाने के कारण वह नाराज हैं. क्योंकि पूर्व जानकारी नहीं होने के कारण उनके ठेकेदार व बिचौलिया वहां पहुंच पाते हैं और जनता निडर होकर अपनी बात रखती है.
मंसूर अहमद, लोकपाल, मनरेगा

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