भागलपुर : देश के बहुचर्चित व्यापमं घोटाले के तार भागलपुर से जुड़ चुके हैं. इस बात का सबूत है कि व्यापमं घोटाले की जांच कर रही सीबीआइ ने जेएलएनएमसीएच के पूर्व एमबीबीएस छात्र विनायक चंद्र दिवाकर को शुक्रवार देर रात मेडिकल कॉलेज से गिरफ्तार कर लिया. भोपाल से आयी तीन सदस्यीय सीबीआइ टीम ने शनिवार
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जेएलएनएमसीएच का पूर्व छात्र गिरफ्तार
भागलपुर : देश के बहुचर्चित व्यापमं घोटाले के तार भागलपुर से जुड़ चुके हैं. इस बात का सबूत है कि व्यापमं घोटाले की जांच कर रही सीबीआइ ने जेएलएनएमसीएच के पूर्व एमबीबीएस छात्र विनायक चंद्र दिवाकर को शुक्रवार देर रात मेडिकल कॉलेज से गिरफ्तार कर लिया. भोपाल से आयी तीन सदस्यीय सीबीआइ टीम ने शनिवार […]
जेएलएनएमसीएच का पूर्व…
सुबह आरोपित को मेडिकल जांच के बाद ट्रांजिट रिमांड के लिए सीजेएम कोर्ट में पेश किया. ट्रांजिट रिमांड मिलने के बाद देर शाम ही उक्त आरोपित को सीबीआइ अपने साथ भोपाल लेकर चली गयी.
शुक्रवार रात करीब आठ बजे पहुंची सीबीआइ टीम ने जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में छापेमारी की और पूर्व एमबीबीएस छात्र अररिया के कुर्साकांटा थाना स्थित पहुंसनी गांव निवासी विनायक चंद्र दिवाकर को गिरफ्तार कर लिया. उक्त आरोपित के खिलाफ सीबीआइ कोर्ट में वारंट जारी हुआ था. इसके बाद सीबीआइ इंस्पेक्टर शिव कुमार झा के नेतृत्व में पुलिस ने बरारी पुलिस के सहयोग से आरोपित को गिरफ्तार किया.
मेडिकल जांच के लिए सुबह तक करना पड़ा इंतजार : शुक्रवार आधी रात के बाद आरोपित की गिरफ्तारी के बाद उसके मेडिकल जांच के लिए सीबीआइ टीम उसे लेकर मायागंज अस्पताल के इमरजेंसी में पहुंची. अस्पताल में उस वक्त तैनात रहे डाक्टर रवि आनंद को विनायक चंद्र दिवाकर की मेडिकल जांच करने की बात कही. लेकिन ड्यूटी पर तैनात अस्पताल प्रबंधक और अधीक्षक से बातचीत के बाद किसी कारणवश जांच नहीं हो सकी और शनिवार सुबह आने के लिए कहा गया. शनिवार सुबह जांच के बाद सीबीआइ आरोपित को लेकर अपने साथ न्यायालय चली गयी.
पहले भी नोटिस के बावजूद पेश नहीं होने पर हुई थी गिरफ्तारी
सीबीआइ द्वारा विनायक चंद्र दिवाकर को गिरफ्तार करने के बाद शनिवार सुबह उक्त आरोपित का एक रिश्तेदार न्यायालय पहुंचा. वहां उन्होंने बताया कि विनायक चंद्र दिवाकर के पिता लक्ष्मी नारायण सिंह अररिया के ही सेवानिवृत्त शिक्षक हैं और एक भाई इंजीनियर है जबकि दूसरा रांची में डेंटल सर्जरी की पढ़ाई कर रहा है. उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेज में एडमिशन से पहले विनायक पटना में रहकर मेडिकल परीक्षा की तैयारी करता था. वहीं उसका रूममेट रहे एक साथी का नाम व्यापमं घोटाले से जुड़ने के बाद उसे गिरफ्तार किया गया था. जहां उसने विनायक का भी नाम सीबीआइ को बताया था. मामले में सीबीआइ कोर्ट में कई बार उसकी गवाही हो चुकी है. वहीं सीबीआइ अधिकारी ने बताया कि कोर्ट द्वारा तीन बार भेजी गयी नोटिस के बाद उसके विरुद्ध वारंट निकाला गया. उक्त रिश्तेदार ने बताया कि जेएलएनएमसीएच में प्रवेश लेने के दो साल बाद विनायक दोबारा एक मेडिकल प्रवेश परीक्षा में बैठा था. माना जा रहा है कि विनायक ने दूसरी बार प्रवेश परीक्षा किसी दूसरे के बदले दी थी. इस वजह से विनायक की गिरफ्तारी हुई.
क्या है व्यापमं घोटाला
व्यापमं घोटाला मध्य प्रदेश से जुड़ा प्रवेश एवं भर्ती घोटाला है जिस के पीछे कई नेताओं, वरिष्ठ अधिकारियों और व्यवसायियों का हाथ है. मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल अथवा व्यापमं (व्यावसायिक परीक्षा मंडल) राज्य में कई प्रवेश परीक्षाओं के संचालन के लिए जिम्मेदार राज्य सरकार द्वारा गठित एक स्व-वित्तपोषित और स्वायत्त निकाय है. ये प्रवेश परीक्षाएं, राज्य के शैक्षिक संस्थानों में तथा सरकारी नौकरियों में दाखिले और भर्ती के लिए आयोजित की जाती हैं. इन प्रवेश परीक्षाओं में तथा नौकरियों में अपात्र परीक्षार्थियों और उम्मीदवारों को बिचौलियों, उच्च पदस्थ अधिकारियों एवं राजनेताओं की मिलीभगत से रिश्वत के लेनदेन और भ्रष्टाचार के माध्यम से प्रवेश दिया गया एवं बड़े पैमाने पर अयोग्य लोगों की भर्तियां की गयी.
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