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लग्न में रोज होती हैं 300 शादियां, बैंड-डीजे व लाउडस्पीकर से कान पक जाता है, पर प्रशासन को सुनाई नहीं देता
भागलपुर : हमें इस बात का गर्व है कि हम ऐतिहासिक बूढ़ानाथ मंदिर इलाके में रहते हैं. लेकिन लग्न के दौरान हमारा जीना मुश्किल हो जाता है. लग्न के समय प्रतिदिन 300 शादियां होती हैं. रात भर डीजे, बैंड-बाजे और लाउडस्पीकर बजते रहते हैं. दिल के मरीजों की जान पर आफत बनी रहती है. बच्चे […]
भागलपुर : हमें इस बात का गर्व है कि हम ऐतिहासिक बूढ़ानाथ मंदिर इलाके में रहते हैं. लेकिन लग्न के दौरान हमारा जीना मुश्किल हो जाता है. लग्न के समय प्रतिदिन 300 शादियां होती हैं. रात भर डीजे, बैंड-बाजे और लाउडस्पीकर बजते रहते हैं. दिल के मरीजों की जान पर आफत बनी रहती है. बच्चे बिल्कुल भी पढ़ाई नहीं कर पाते हैं. शाम से लेकर रात तक किसी को आपातकालीन स्थिति में अस्पताल ले जाना हो, तो मंदिर रोड का जाम से निकल पाना मुश्किल होता है. इन तमाम समस्याओं से प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत की जाती है, तो अनसुना कर दिया जाता है. ये बातें रविवार को बूढ़ानाथ पार्क में आयोजित प्रभात खबर आपके द्वार कार्यक्रम में स्थानीय निवासियों ने कही.
हथिया नाला व जर्जर पुल से भयभीत हैं लोग
कार्यक्रम में शामिल लोगों का कहना था कि यहां के अधिकतर मोहल्लों में सड़क व नाली का निर्माण, तो कराया गया, लेकिन वार्ड की बनावट अब भी बेतरतीब है. यहां के लाेगों को भी पानी के लिए भटकना पड़ता है. इस वार्ड की सबसे बड़ी व स्थायी समस्या सखीचंद घाट का हथिया नाला व जर्जर पुल है. सखीचंद घाट के समीप हथिया नाला से कटाव, घर गिरने का भय और जोगसर-नया बाजार के समीप हथिया नाला पर बैरिकेडिंग नहीं कराने से प्राय: दुर्घटना की समस्या बनी रहती है.
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