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भागलपुर रेशम हत्याकांड : बेटी नहीं रही, कानून का है साथ फिर भी दहशत में जी रहा परिवार
घटना के बाद से भाई-बहनों की पढ़ाई छूटी घर की हालत बिगड़ी अब कुछ लोग चाहते हैं कि घर बेच कर चले जाये भागलपुर : रेशम की हत्या के चार साल बाद भी परिजनों का दर्द कम नहीं हुआ है. बेटी के गम में अभी भी मां सोनी देवी का रो-रो कर बुरा हाल है. […]
घटना के बाद से भाई-बहनों की पढ़ाई छूटी घर की हालत बिगड़ी
अब कुछ लोग चाहते हैं कि घर बेच कर चले जाये
भागलपुर : रेशम की हत्या के चार साल बाद भी परिजनों का दर्द कम नहीं हुआ है. बेटी के गम में अभी भी मां सोनी देवी का रो-रो कर बुरा हाल है. पिता रंजीत साह की हालत ऐसी हो गयी है, जैसे मानों वह सदमे में जी रहा हो. फंासी की सजा उम्रकैद में बदलने का जब से फैसला आया है, तभी से रेशम की याद और ज्यादा सताने लगी है. अच्छे लोग सहारा बने हैं. कुछ लोगों द्वारा परिवार प्रताड़ित हो रहा है. परिवार पर अब तंज कसा जाने लगा है, जिससे वह सभी दहशत में है.
पुलिस प्रशासन मदद करे, तो शांति से अपने घर में रह सकेगी. मां सोनी देवी का कहना है कि अच्छे लोगों का साथ तो मिला है, लेकिन अब कुछ लोग चाहते हैं कि घर बेच कर चले जाये. उन्हें उनकी जमीन का भी हिस्सा नहीं मिल रहा है. जल्द ही अगर मदद नहीं मिली, तो कोई न कोई कदम अवश्य उठायेंगे. जिससे समाज और शहर के लिए सबक होगा.
सनकी प्रेमी की करतूत से पूरा परिवार बिखर गया है. 15 अक्तूबर 2014 में वारसलीगंज मोहल्ले के अभिषेक ने एकतरफा प्रेम में आकर रेशम की चाकू गोद कर हत्या कर दी थी. उसने खुद भी चाकू मार लिया था. निचली अदालत ने अभिषेक को फंसी की सजा सुनायी थी. ऊपरी अदालत ने फांसी की सजा को उम्रकैद में बदला है.
पुलिस प्रशासन मदद करे, तो शांति से अपने घर में रह सकेंगे. रेशम के पिता रंजीत का कहना है कि गरीब हैं, इसलिए कोई मदद के लिए आगे नहीं आ रहा है. पुलिस प्रशासन मदद करे, तो शांति से अपने घर में रह सकेंगे.
बच्चे की पढ़ाई छूटी, घर की हालत बिगड़ी
रोशम की हत्या के बाद से बच्चे की पढ़ाई छूट ही गयी है. उसका अब घर से निकला मुश्किल हो गया है. कोई अजनबी दरवाजे पर आते हैं, तो बच्चे डर से छुप जाते हैं. 17 साल का बेटा पढ़ाई छोड़ काम पर लग गया है, जिससे परिवार को दो वक्त की रोटी नसीब हो रही है. घर की हालत बिगड़ गयी है.
आज भी घर के मुंडेर पर लटक रही रेशम की तस्वीर
रेशम की तस्वीर आज भी उनके घर के मुंडेर पर लटक रही है. घर के सामने से गुजरने वालों की जब तस्वीर पर नजर पड़ती है, तो उनके परिवार के प्रति सहानुभूति जग जाती है.
आरोपित को लगती फांसी, तो मिलती दिल को ठंडक
रेशम की मां ने बताया कि आरोपित को फांसी लगती, तभी दिल को ठंडक मिलती. उन्हें कानून पर पूरा भराेसा है. अच्छे लोगों का साथ मिला, तभी हत्यारे जेल में हैं.
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