भागलपुर: बाल विकास परियोजना (आइसीडीएस) में संविदा पर नियुक्त महिला पर्यवेक्षकों के पदों को कल्याण विभाग रिक्त मान रहा है. लेकिन पर्यवेक्षिकाओं (एलएस) को इस संबंध में अभी कोई जानकारी नहीं दी गयी है.
विभाग के इस कदम से एलएस में संशय व भ्रम की स्थिति है. इन पर्यवेक्षकों के जिम्मे आंगनबाड़ी केंद्रों के निरीक्षण का जिम्मा है. खासकर वह यह देखती हैं कि सही समय पर पोषाहार मिलता है या नहीं. भ्रम की स्थिति तब पैदा हुई जब कल्याण उप निदेशक ने भागलपुर व बांका जिले के प्रोग्राम पदाधिकारियों को पत्र लिख कर कहा कि उनके यहां जो भी संविदा पर नियुक्त एलएस हैं उनके पद को रिक्त मानते हुए रोस्टर भेंजे.
जानकारी के अनुलार जिले में संविदा पर 75 एलएस का पद स्वीकृत है. अभी जिले में 62 एलएस नियुक्त हैं. इनकी नियुक्ति मार्च 2011 में हुई थी. 11-11 माह का इन्हें विस्तार मिलता रहा. लेकिन पिछले साल के सितंबर माह से न तो इन्हें सेवा विस्तार मिला और न ही मानदेय. हालांकि इनसे काम लिया जा रहा है. बताया जा रहा है कि कर्मचारी चयन आयोग के जरिए अब एलएस की नियुक्ति होनी है.
कई एलएस ने बताया कि लोकसभा चुनाव में भी उन लोगों से काम लिया गया. पल्स पोलियो अभियान में भी वे लोग काम करती रही हैं. उनलोगों को कभी यह नहीं कहा गया कि उनकी सेवा समाप्त हो गयी. लेकिन जिस तरह से रिक्त पदों की संख्या मांगी जा रही है उससे तो यही लगता है कि वे लोग सेवा में नहीं हैं. उनलोगों ने बताया कि न तो डीपीओ व न ही सीडीपीओ ने हमलोगों को काम नहीं करने का निर्देश दिया है लेकिन विभागीय कवायद से भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गयी है.
एलएस को कुल 13 हजार का मानदेय मिलता है. पर्यवेक्षिकाओं ने बताया कि जल्द ही वे लोग इस संबंध में प्रमंडलीय आयुक्त से मिल कर अपनी बात रखेंगी. पर्यवेक्षिकाएं परेशान हैं.