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20 हजार महिला किसान होंगी लाभान्वित

बजट. महिलाओं और किसानों के खिले चेहरे, बुजुर्ग भी मुस्कुराये, मध्यम वर्ग के लोग हुए मायूस बजट को लेकर सभी वर्गों के लोग सुबह से ही विभिन्न माध्यमों से जानकारी लेने में लगे रहे. महिलाओं और किसानों ने जहां बजट को विकास की ओर अग्रसर करने वाला बताया, वहीं नौकरी पेशा लोगों को बजट ने […]

बजट. महिलाओं और किसानों के खिले चेहरे, बुजुर्ग भी मुस्कुराये, मध्यम वर्ग के लोग हुए मायूस

बजट को लेकर सभी वर्गों के लोग सुबह से ही विभिन्न माध्यमों से जानकारी लेने में लगे रहे. महिलाओं और किसानों ने जहां बजट को विकास की ओर अग्रसर करने वाला बताया, वहीं नौकरी पेशा लोगों को बजट ने निराश ही किया. उम्मीद जतायी जा रही थी कि चुनावी साल में सरकार टैक्स स्लैब में बदलाव कर कुछ राहत दे सकती है, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ.
भागलपुर : गुरुवार को केंद्र में पारित बजट का लाभ भागलपुर की 20109 महिला किसान उठा पायेंगी. यह ऐसी किसान हैं, जो हर सीजन में अलग-अलग तरह की फसल अपनी खेतों में उगाती हैं. खेती में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करती हैं. बजट में किये गये प्रावधान घर-घर पहुंचने के बाद घर के साथ-साथ खेतों की मेढ़ पर भी पुरुषों के एकाधिकार को चुनौती देनेवाली महिलाएं अपने जीवन स्तर में और भी सुधार कर पायेंगी.
पुरुष जा रहे परदेस महिलाओं पर बढ़ी जिम्मेदारी
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गत 29 जनवरी को संसद के पटल पर आर्थिक सर्वेक्षण 2017-18 प्रस्‍तुत किया था. उन्होंने बताया था कि पुरुषों का गांव की तरफ से शहर में पलायन होने की वजह से महिलाओं की हिस्सेदारी कृषि के क्षेत्र में बढ़ रही है. इसकी वजह से महिलाएं कृषि को लेकर विभिन्न भूमिकाओं में दिख रही हैं. अब जरूरत इस बात की है कि महिलाओं तक जमीन, पानी, क्रेडिट और प्रौद्योगिकी पहुंच बढ़ायी जाये.
महिलाओं के लिए उठाये गये कदम
सभी योजनाओं, कार्यक्रमों और विकास संबंधित गतिविधियों में किये जानेवाले आवंटन में महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत निर्धारित किया जाना सुनिश्चित किया गया है.
लाभदायक कार्यक्रमों, योजनाओं, महिला केंद्रित गतिविधियों पर जोर देने की शुरुआत की गयी है.
क्षमता विकास गतिविधियों और छोटी बचत के जरिये महिला स्वयं सहायता समूह पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है. उन्हें तमाम तरीके की सूचनाएं मुहैया कराने के इंतजाम किये गये हैं.
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने प्रत्येक वर्ष 15 अक्तूबर को महिला किसान दिवस घोषित किया है.
नवटोलिया की किसान रत्ना देवी कहती हैं कि किसानों की की बदहाली दूर होगी. बजट के प्रावधान से कृषि क्षेत्र का विकास होगा
घोघा के परवीन मंडल कहते हैं कि बजट में किसानों के लिए किया गया पहल काफी दूरगामी है. बजट की घोषणा धरातल पर दिखे, तभी इसकी सार्थकता है.
2017-18 में खेती कर रहीं महिला किसानों की संख्या
गेहूं में श्री विधि से खेती 20109
पोषक बागीचा 13370
किस्म परिवर्तन प्रयोग 11591
मक्का किसान 15443
केला 770
मिर्ची 483
फूलगोभी 610
आम 471
नीरा 615
मुर्गी पालन 4200
(आंकड़े का स्रोत : जीविका, भागलपुर)
पीरपैंती व सन्हौला से महिलाएं जीविका दीदी से जुड़ना 2013 में शुरू कीं. अब सभी प्रखंडों में महिलाएं इससे जुड़ रही हैं. दो साल से तकनीकी खेती करना शुरू किया है. श्री विधि से गेहूं धान, जीरो टीलेज, नयी प्रजातियों का चयन कर खेती कर रही हैं. नीरा परियोजना व कृषि उत्पादक समूह बनाया जा रहा है. इसके बाद जीविका कृषि उत्पादक कंपनी के द्वारा बाजार मुहैया कराया जा रहा है. पुरुषों का पलायन शहर की ओर हो रहा है. महिलाओं पर कृषि का भार बढ़ा है. इस कारण भी कृषि, पशुपालन की तरफ महिलाओं का रुझान बढ़ा है.
मनीष प्रताप सिंह, जीविका विशेषज्ञ, भागलपुर

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