चावल घोटाला. बागबाड़ी स्थित एसएफसी गोदाम में जांच पूरी
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1.92 करोड़ के चावल का गबन, दर्ज होगी प्राथमिकी
चावल घोटाला. बागबाड़ी स्थित एसएफसी गोदाम में जांच पूरी एसएफसी ने ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर मुख्यालय को भेजा पत्र चावल गबन के आरोप में निलंबित हैं गोदाम के एजीएम राजीव रंजन चार साल पहले धान खरीद की प्रक्रिया से गोदाम में आया था चावल भागलपुर : गरीबों के बीच वितरित होनेवाले चावल का एक […]
एसएफसी ने ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर मुख्यालय को भेजा पत्र
चावल गबन के आरोप में निलंबित हैं गोदाम के एजीएम राजीव रंजन
चार साल पहले धान खरीद की प्रक्रिया से गोदाम में आया था चावल
भागलपुर : गरीबों के बीच वितरित होनेवाले चावल का एक घोटाला प्रकाश में आया है. यह बागबाड़ी स्थित राज्य खाद्य निगम (एसएफसी) के गाेदाम में हुआ, जहां एक करोड़ 92 लाख रुपये के चावल का गबन हो गया है. इस गोदाम में चार सालों से पड़ी चावल की बोरियों की गिनती की गयी. इसमें एसएफसी की ऑडिट टीम को पांच हजार क्विंटल से अधिक वजन का चावल कम मिला. स्थानीय कार्यालय को ऑडिट ने चावल के वजन सहित कीमत आकलन की रिपोर्ट सौंप दी.
चावल गबन के दौरान गोदाम के तत्कालीन प्रभारी एजीएम राजीव रंजन थे, जिन्हें पहले ही उक्त आरोप में निलंबित किया जा चुका है. एसएफसी ने पूर्व एजीएम राजीव रंजन के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने की कार्रवाई का प्रस्ताव मुख्यालय को भेजा है. वहां से अनुमति मिलते ही उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई सहित रुपये की रिकवरी भी की जायेगी.
गाेदाम से चावल राशन दुकान में भेजना था, नहीं भेजा गया
वर्ष 2014 में पैक्स से धान खरीद के बदले राइस मिलर से आये चावल को गोदाम में जमा कराया गया था. गोदाम में जमा चावल को सीधे राशन की दुकान में भेजना था. मगर यह चावल राशन दुकानों पर सही समय पर नहीं भेजा जा सका. चावल के सड़े रहने के कारण डीलरों ने भी लेने से मना कर दिया.
डीलरों की शिकायत पर शुरू हुई थी कार्रवाई
चावल के सड़ने को लेकर आयी शिकायत पर राज्य खाद्य निगम ने मामले की जांच शुरू की थी. तभी गोदाम के एजीएम रहे राजीव रंजन के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई हुई थी. गोदाम का चार्ज भी नहीं देेने का भी पूर्व एजीएम पर आरोप है.
गिनती के समय सड़ा चावल कर रहा था बदबू
चार सालों से गोदाम में सड़े चावल के होने के कारण गिनती के समय यह बदबू मार रहा था. बागबाड़ी व उसके आसपास के इलाके में सड़ांध से निवासियों का जीना मुहाल हो गया था. काफी मशक्कत के बाद एसएफसी पदाधिकारियों ने गबन चावल का खुलासा किया
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