कहलगांव : तिलकामांझी भागलपुर विश्वविधालय के अंगीभूत शंकर साह विक्रमशिला महाविद्यालय (एसएसवी कॉलेज) के शैक्षणिक इतिहास मे एक महत्वपूर्ण उपलब्धि जुड़ गयी है. आइआइटी मुंबई द्वारा संचालित स्पोकेन ट्यूटोरियल प्रोजेक्ट के तहत साफ्टवेयर ट्रेनिंग के लिए इस काॅलेज को ‘नोडल सेंटर’ घोषित किया गया. विश्वविद्यालय के इतिहास में भागलपुर एमसीए विभाग के बाद एसएसवी काॅलेज ने अपने बलबूते यह महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया है.
आइआइटी मुंबई ने काॅलेज को नोडल सेंटर बनाये जाने की आधिकारिक घोषणा गुरुवार को कर दिया है. इसकी जानकारी देते हुए काॅलेज के प्रभारी प्राचार्य डाॅ प्रो जयंत सिंह ने बताया कि जुलाई 2017 मे आइआइटी मुंबई ने काॅलेज प्रशासन को एक प्रस्ताव भेजकर साफ्टवेयर प्रोग्राम के ट्रेनिंग के लिए अनुरोध किया गया था.
इस बीच लगातार ट्रेनिंग देने एवं शिक्षक व शिक्षिकेतर कर्मचारी, स्टूडेंटस सहित सौ लोगो को ट्रेनिंग देकर सर्टिफिकेट प्रदान किया चुका है. अब तक एक हजार स्टूडेंट्स का पंजीयन किया गया है. उन्होंने कहा कि लगातार ट्रेनिंग देने व कार्य प्रगति से संतुष्ट होकर आइआइटी मुंबई ने इस काॅलेज को नोडल सेंटर घोषित कर दिया है. इसके तहत फिलहाल काॅलेज स्टूडेंट्स को विभिन्न विषयों की करीब सवा सौ शैक्षणिक व आॅफिस के लिए उपयोगी साफ्टवेयर की ट्रेनिंग दी जायेगी.
आसपास के छात्रों को होगा लाभ
इस ट्रेनिंग प्रोग्राम से आसपास के कोचिंग संस्थान, स्कूल व काॅलेज में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं लाभांवित होंगे. आइआइटी मुंबई द्वारा दी जाने वाली आनलाइन ट्रेनिंग 15 दिनों की है जो पूरी तरह से नि:शुल्क है. ट्रेनिंग के पश्चात अभ्यर्थियो को परीक्षा देनी होगी. इसके बाद आइआइटी मुंबई द्वारा सर्टिफिकेट प्रदान किया जायेगा. एसएसवी काॅलेज को मिली इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर काॅलेज के नोडल आॅफिसर डाॅ पवन सिंह, शिक्षकेतर कर्मचारी संघ के सचिव जयप्रकाश सिंह, मनोविज्ञान की विभागाध्यक्ष संगीता झा ने बधाई दी है.
हाइटेक हो गया कॉलेज
एसएसवी काॅलेज अपनी स्थापना के 50 वर्षों के शैक्षणिक इतिहास मे अब पूरी तरह से हाइटेक बन गया है. हाल में ही विश्वविधालय की ओर से 75 लाख रुपये आवंटित किया गया था. काॅलेज का पुस्तकालय इ-लाइब्रेरी व डिजिटल सुविधा से युक्त हो गया है. अब छात्र कंप्यूटर पर छह लाख किताबें आॅनलाइन पढ़ सकेगें. इसके अलावा छह हजार शोध पत्र पढ़ने का अवसर मिलेगा. इस काॅलेज को नेशनल लाइब्रेरी से मान्यता मिल चुकी है. अगले सत्र (2018-19) से छात्र-छात्राओ के आॅनलाइन नामांकन की सुविधा उपलब्ध रहेगी.