भागलपुर/सबौर: बागबाड़ी स्थित एफसीआइ के गोदाम में छापेमारी के दौरान प्रमंडलीय आयुक्त मिन्हाज आलम ने मिलावटी व सड़े हुए गेहूं का उठाव तत्काल बंद करने का निर्देश दिया था. बावजूद इसके वही गेहूं उसी तरह के बोरे में गुरुवार को सबौर स्थित एसएफसी के गोदाम में पहुंच गया, जहां से इसे पीडीएस डीलरों को सप्लाइ किया जाना था. इसका खुलासा आयुक्त के निर्देश पर गोदाम पहुंचे पणन पदाधिकारी कमल जायसवाल ने किया. सबौर के एसएफसी गोदाम से 112 प्लास्टिक के नये बोरे में मिलावटी व सड़ा हुआ गेहूं बरामद हुआ.
कैसे पहुंचा सड़ा हुआ खाद्यान्न : आयुक्त की छापेमारी के दौरान बोरियों में सड़े हुए गेहूं को पैक करने के संबंध में बागबाड़ी के गोदाम प्रभारी रामायण प्रसाद यादव ने कहा था कि खराब गेहूं को केवल सुखा कर एक तरफ रखने के लिए बोरियों में भरवाया जा रहा है, ताकि गोदाम खाली हो सके. सबौर में जो सड़ा हुआ गेहूं मिला है वह उसी तरह के बोरे में पैक है, जिस तरह के बोरे में बागबाड़ी में सड़ा हुआ मिलावटी गेहूं पैक किया जा रहा था.
निरीक्षण के दौरान एफसीआइ के एरिया मैनेजर नीरज कुमार ने भी पूरे विश्वास के साथ कहा था कि इस तरह का गेहूं किसी को भी ‘इश्यू’ नहीं किया जाता है. केवल स्टॉक वरीय पदाधिकारियों को दिखाने के लिए एक तरफ रखा जाता है. साथ ही उन्होंने मौके पर ही नये बोरे में पैक किये गये इस तरह के सभी गेहूं को एक साइड में रख कर ‘नॉट फोर इश्यू’ का बोर्ड लगाने को कहा था. एसएफसी के जिला प्रबंधक ने भी मौके पर एफसीआइ की तरफदारी करते हुए उनके द्वारा खराब खाद्यान्न की सप्लाइ होने से इनकार किया था.
माल को नष्ट किया जाये : समाज के गरीब तबके के अंत्योदय और बीपीएल के उपभोक्ताओं ने कहा कि पकड़े गये खराब अनाज के वितरण पर सिर्फ रोक लगाने से कुछ नहीं होगा. सैंपल लेने के बाद उसे तत्काल नष्ट कर देना चाहिए, अन्यथा मामला ठंडा होने पर उसी माल को मिलावट करने वाले माफिया पीडीएस डीलरों तक पहुंचा देंगे और वही अनाज लेना उनकी मजबूरी हो जायेगी. उपभोक्ताओं ने आयुक्त से आग्रह किया है कि इस माल को नष्ट कर दिया जाये एवं इसकी गहन जांच करते हुए इस तरह के मिलावट करने वाले माफियाओं के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाये.