नवगछिया : नवगछिया में राजद नेता विनोद यादव की हत्या के बाद यहां के अपराधी अघोषित रूप से दो खेमे में बंट गये. एक खेमे का नेतृत्व मानकेश्वर सिंह उर्फ मंटू, साधोपुर निवासी रंगरा के पूर्व जिला पार्षद अरविंद यादव, भवानीपुर के कुमोदी यादव, लत्तरा के छोटुवा यादव आदि कर रहे हैं. वर्तमान में सिर्फ कुमोदी यादव ही फरार चल रहा है. अन्य जेल भेज दिये गये हैं. विनोद यादव के विरोधी खेमे के सभी अपराधी उपरोक्त खेमे में ही एक के बाद एक आपराधिक वारदातों को अंजाम दे रहे हैं.
कटिहार डकैती कांड को भी इसी खेमे द्वारा अंजाम दिया गया. मुठभेड़ में मारा गया रसलपुर का राहुल कुमार रूपेश फौजी का चचेरा भाई है, जबकि घायल सुजीत कुमार रूपेश फौजी का सगा भाई है. रूपेश फौजी विनोद यादव हत्याकांड का मुख्य आरोपी है. जाहिर सी बात है कि रूपेश के परिजन विनोद यादव के विरोधी गुट से ही ताल्लुक रखता होगा. रूपेश फौजी इन दिनों कोलकाता में फौज की ड्यूटी पर है और उसका आरोप है कि विनोद यादव के परिजनों द्वारा उन लोगों को भयभीत कर रसलपुर गांव में रहने नहीं दिया जा रहा है.
रूपेश सहित तीन भाई विनोद यादव हत्याकांड में मुख्य आरोपित हैं. दूसरी तरफ लत्तरा निवासी रौशन कुमार यादव शातिर छोटुवा यादव का छोटा भाई है. विनोद यादव हत्याकांड में छोटुवा मुख्य शूटर था. अपने एक भाई की हत्या के बाद छोटुवा यादव, विनोद यादव का जानी दुश्मन बन बैठा था. डकैती कांड में शामिल अन्य अपराधी भी किसी न किसी रूप से विनोद यादव के विरोधी गुट से जुड़े हैं. इस गुट ने हथियार जुटाने के मकसद से धन इकट्ठा करने के लिए इस तरह के डकैती कांड को अंजाम दिया. नवगछिया नगर पंचायत के एक बड़े जनप्रतिनिधि इस गिरोह के टारगेट पर था. वर्तमान में दूसरे आपराधिक गुट का नेतृत्व रंगरा के सधुवा चापर निवासी मोस्ट वांटेड पचास हजार का इनामी संजीव कुमार यादव उर्फ मोती यादव और अघोषित रूप से नगर पंचायत के उपमुख्य पार्षद अभिषेक रमण उर्फ टीएन यादव कर रहा है.