हाले निगम. नहीं बनती योजना, न होती है तैयारी, सब हैं संतुष्ट कर के खरीदारी
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नहीं चल पाता रोबोट, गाद निकालने वाली मशीनें अभी तक पड़ी हैं बेकार
हाले निगम. नहीं बनती योजना, न होती है तैयारी, सब हैं संतुष्ट कर के खरीदारी निगम के गाेदाम व निगम परिसर में बेकार हो रहे सामान भागलपुर : शहर की सफाई व्यवस्था और शहर को स्मार्ट बनाने के लिए निगम और स्मार्ट सिटी लिमिटेड के द्वारा एक करोड़ रुपये से भी अधिक की लागत के […]
निगम के गाेदाम व निगम परिसर में बेकार हो रहे सामान
भागलपुर : शहर की सफाई व्यवस्था और शहर को स्मार्ट बनाने के लिए निगम और स्मार्ट सिटी लिमिटेड के द्वारा एक करोड़ रुपये से भी अधिक की लागत के कई उपकरण तो खरीदे गये, लेकिन इसमें से कई उपकरण निगम परिसर और निगम गोदाम में रखे-रखे बर्बाद हो रहे हैं. इसको देखनेवाला कोई नहीं है. बिना किसी ठाेस निर्णय के ही सामान की खरीद हो गयी, लेकिन इसके लगाने के लिए जगह का सही तरीके से चयन नहीं किया गया. जो लगा भी वह भी रखरखाव के बिना बर्बाद हो गया. स्मार्ट सिटी के कई छोटे काम बाहर की एजेंसी करके चली गयी. एजेंसी कौन थी, इस बारे में स्मार्ट सिटी योजना के प्रभारी भी नहीं बता पा रहे हैं.
शहर के बायो टायलेट-यूरिनल िबना काम के, कुछ टूटे तो कहीं सुविधा नहीं
निगम गोदाम में स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर लाये गये स्मार्ट शौचालय चार माह से यूं ही रखे हैं. इसे लगाया नहीं गया है क्योंकि इसे कहां लगाया जाना है, वह जगह चिह्नित नहीं है. गोदाम में रखे 12 शौचालय इसी तरह खराब हो गये हैं. कई का कब्जा टूटा हुआ है और कई की टंकी इधर-उधर फेंकी हुई है. स्मार्ट सिटी के स्वास्थ्य प्रभारी ने कहा कि इसका जल्द टेंडर होगा. वहीं बरारी आइटीआइ के बगल में एक शौचालय बना लेकिन उसका उपयोग नहीं हो रहा है. उसमें ताला लगा हुआ है.
सफाई उपकरण भी फांक रहे धूल
वहीं सफाई के लिए निगम में मंगाया गया रोबोट भी कई दिनों से गोदाम में खुले आसमान के नीचे पड़ा है. इसकी कीमत 25 लाख रुपये बतायी जाती है. इसका भी उपयोग नहीं किया जा रहा है. लगभग एक दर्जन से अधिक सफाई के उपकरण बेकार पड़े हैं. जिन उपकरणों की खरीद हुई यह किस संवेदक द्वारा खरीदी गयी यह किसी को पता नहीं. बड़े और छोटे नालाें की सफाई के लिए लाखों के उपकरण की खरीद हुई, लेकिन वे भी बस निगम की शोभा बढ़ा रहे हैं. यही हाल निगम परिसर में रखे डस्टबीन का भी है.
बाॅयो यूरिनल दो माह में ही टूटा
शहर के तिलकामांझी, मनाली चौक हाेकर पुलिस लाइन तक स्मार्ट यूरिनल लगाये गये, लेकिन उचित रखरखाव के बिना एक दर्जन से भी अधिक यूरिनल टूट गये. इन यूरिनलों में महंगे दरवाजे लगाये गये थे, लेकिन जल्दबाजी में पानी का नल ही नहीं लगाया गया. स्थिति यह हो गयी कि दो माह में ही सभी यूरिनल तोड़ दिये गये हैं.
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