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हर बेड पर नयी चादर, फर्श-परिसर तक साफ

बदलाव. साहब के आगमन की थी सूचना, सब कुछ चकाचक, निरीक्षण की खानापूर्ति सभी डॉक्टर पहने थे एप्रोन, नर्स की बढ़ी दिखी सेवा भावना भागलपुर : मायागंज अस्पताल में भर्ती मरीज और उनके परिजन गुरुवार सुबह अस्पताल के माहौल को हैरत भरी नजरों से देख रहे थे. सभी एक-दूसरे से पूछ रहे थे कि ऐसी […]

बदलाव. साहब के आगमन की थी सूचना, सब कुछ चकाचक, निरीक्षण की खानापूर्ति

सभी डॉक्टर पहने थे एप्रोन, नर्स की बढ़ी दिखी सेवा भावना
भागलपुर : मायागंज अस्पताल में भर्ती मरीज और उनके परिजन गुरुवार सुबह अस्पताल के माहौल को हैरत भरी नजरों से देख रहे थे. सभी एक-दूसरे से पूछ रहे थे कि ऐसी कौन सी जादू की छड़ी घूम गयी है कि अस्पताल कर्मी जबरन पीली चादर बिछाने आ गये हैं. नहीं मांगने पर भी मरीज के माथे के नीचे तकिया लगा रहे हैं. सफाई के तो क्या कहने. यत्र-तत्र रखी मशीनें जगह पर पहुंचने लगी. एक मरीज के परिजन चर्चा कर रहे थे कि कल तक आइसीयू वार्ड में डॉक्टर को बुलाने के लिए नर्स को कहा जाता था, तो उनका जवाब होता था कि डॉक्टर साहब चाय पीने गये होंगे. आज तो एप्रोन लगाये सभी डॉक्टर देखते ही पहचान में आ रहे थे. अस्पताल के बदले माहौल के राज से पर्दा उठते देर नहीं लगी, जब अस्पताल कर्मी आपस में पूछताछ करने लगे कि डायरेक्टर साहब कब तक पहुंचेंगे.
कोने-कातर तक को किया गया था ब्लीचिंग पाउडर से साफ : मायागंज अस्पताल के हर वार्ड व विभाग के कोने-कातर में फेंके गये पान की पिरकी को ब्लीचिंग पाउडर से साफ किया गया था. सफाई के लिए कर्मचारी दिनभर सक्रिय दिख रहे थे. फर्श पर थोड़ा पैर का चिह्न नहीं दिख जाता कि सफाई कर्मी पोछा लगाना शुरू कर देते. सीढ़ियों पर झाड़ू लगाते रहे.
इससे पूरा वार्ड चकाचक दिख रहा था. एप्रोन-आइकार्ड में दिख रहे थे डॉक्टर, लगा रहे थे राउंड : अस्पताल में जहां मरीज चिकित्सकों के राउंड का इंतजार करते थे. उन्हें लगता था, अब चिकित्सक आयेंगे, ताकि अपनी तकलीफ बताकर ऐसी दवा लें, जिससे तुरंत अस्पताल की खराब व्यवस्था से निजात पा सकें. डायरेक्टर इन चीफ के आगमन पर अस्पताल में हर वार्ड खासकर आकस्मिक वार्ड में चिकित्सक समय-समय पर राउंड लगा रहे थे. सभी चिकित्सक एप्रोन व आई-कार्ड में अपडेट दिख रहे थे. मायागंज अस्पताल की स्थिति एम्स को फेल कर रही थी.
व्यवस्था सुधर गयी साहब को कुछ न मिला
प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के डायरेक्टर इन चीफ विभाष कुमार सिंह के आने की सूचना मायागंज अस्पताल व नौलखा स्थित मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों से मरीजों तक को पहले ही मिल गयी थी. लोग चर्चा कर रहे थे कि यह तो निरीक्षण की खानापूर्ति है. सामान्य दिनों में हर वार्ड में घुसते ही बदबू से दम घुटता है. जहां-तहां गंदगी फैली रहती है. बेड पर सामान्य लोग बैठ जाये, तो बीमार पड़ जाये.
हर बेड पर दिखी नयी चादर
मायागंज अस्पताल में शायद की कोई बेड हो, जहां पीली चादर नहीं दी गयी हो. अस्पताल प्रबंधन व्यवस्था में कोई चूक नहीं दिखाना चाह रहे थे. ऐसा न हो कि साहब की डांट-फटकार सुननी पड़े या उनके विरुद्ध कार्रवाई हो.

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