भागलपुर:नशे की दवा के साथ पटना में पकड़े गये डॉ अविनाश के मामले में गुरुवार को आरडीडी डॉ सुधीर कुमार महतो व सीएस डॉ यूएस चौधरी ने सदर अस्पताल व सेंट्रल दवा स्टोर की जांच की. आरडीडी ने करीब तीन घंटे तक दवा से जुड़े फाइलों की जांच की. उन्होंने बताया कि सदर अस्पताल के अलावा सेंट्रल स्टोर में भी दवा का ठीक से रख-रखाव नहीं किया गया था. दवाओं को जमीन पर ही रख दिया गया था. सदर अस्पताल में 2100 पीस पेंटाजोसिन इंजेक्शन एक्सपायर मिले. उन्होंने बताया कि स्टोर में दवाइयां एक्सपायर हो रही है. चिकित्सक बाहर की दवा परिजनों से मंगा कर मरीजों को देते हैं. शनिवार को चिकित्सकों के साथ बैठक कर निर्देश दिया जायेगा कि स्टोर में दवा रहते अगर बाहरी दवा मंगायी गयी तो उक्त चिकित्सक के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी. सूचना मिली है कि कुछ महिला चिकित्सक बाहर से दर्द की दवाओं को मंगाते हैं और मरीजों को देते हैं. इससे स्टोर की दवा खपत नहीं होती है.
आरडीडी ने सभी छह ड्रग इंस्पेक्टर को बुला कर स्टोर की जांच करने का निर्देश दिया और उन्हें कहा गया है कि दवाओं के बैच नंबर, 2012-13 में कितने दवाओं का ऑर्डर दिया गया एवं कितना स्टोर को उपलब्ध कराया गया. कुल 12 बिंदुओं पर जांच करने को कहा गया है. सभी ड्रग इंस्पेक्टर को निर्देश दिया गया है कि क्षेत्र भ्रमण के अलावा अपने-अपने क्षेत्रों के सरकारी अस्पतालों के दवा भंडार की जांच करें एवं रिपोर्ट प्रभारी, सीएस व आरडीडी कार्यालय को भी दें. इसके अलावा सदर अस्पताल के दवा भंडार के लिए एक नोडल पदाधिकारी डॉ आशीष रंजन को बनाया गया है. उन्हें हर पंद्रह दिनों में स्टोर की जांच कर रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है. आरडीडी ने बताया कि जमीन पर दवा रखने से उसकी गुणवत्ता पर असर पड़ता है. सीएस को कहा गया है कि वे सामग्री खरीद की राशि से गोदरेज व रैक की खरीद करें और स्टोर में दें.
सदर अस्पताल के स्टोरकीपर से शो कॉज
भागलपुर. सदर अस्पताल के स्टोर कीपर नंदू कुमार से सिविल सजर्न डॉ यूएस चौधरी ने गुरुवार को शो कॉज पूछा है. सीएस ने बताया कि स्टोर कीपर से दवाओं के बारे में जानकारी मांगी गयी है कि किस स्थिति में स्टोर से दवा बाहर गयी. मामला नशे के रूप में दर्द की दवा लेने का है. इसे अधिकारियों ने गंभीरता से लिया है. इस मामले पर पटना के अधिकारियों की भी नजर है और वे पूरी रिपोर्ट जिला के वरीय अधिकारियों से भी ले रहे हैं.