जुबानी जंग में लगे हैं प्रत्याशी
भागलपुर : चुनाव प्रचार पर जाति व जमात का ध्रुवीकरण दिखने लगा है. चुनाव प्रचार से स्थानीय मुद्दे गायब हैं. सड़क व बिजली पानी सहित अन्य स्थानीय मुद्दों पर हंगामा मचाने व आंदोलन करनेवाले नेताओं की जुबान इन मुद्दों पर खुल नहीं रही है. हवाई अड्डे से लेकर फूड पार्क , डीआरएम कार्यालय से लेकर यहां के परंपरागत सिल्क उद्योग के विकास का मुद्दा प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार से गायब हो चुका है. कोई नमो की चर्चा कर रहा है तो कोई नीतीश सरकार के विकास की तो कोई सांप्रदायिक शक्तियों को दूर रखने की बात कर रहा है.
पूरे लोकसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार जोर पकड़ने लगा है. सभी प्रत्याशी मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए तरह- तरह के तरीके अपना रहे हैं. जाति व जमात के ध्रुवीकरण में लगे हैं. हर उम्मीदवार इस प्रयास में है कि कैसे जाति व जमात को अपने पक्ष में किया जा सके. इसके लिए जाति में पैठ रखनेवाले लोगों की सेवा ली जा रही है. मतदाताओं को जाति की दुहाई दी जा रही है.
गायब हो गया कटाव व डीआरएम कार्यालय का सवाल : जिले के नवगछिया अनुमंडल में दो विधानसभा क्षेत्र गोपालपुर व बिहपुर है. एक पर जदयू का तो एक पर भाजपा का कब्जा है.
कटाव और बाढ़ यहां की बड़ी समस्या है. कटाव नेताओं के लिए राजनीति का स्थायी व धारदार हथियार भी है और कुछ नेताओं के कमाई का जरिया भी. लेकिन चुनाव प्रचार से यह मुद्दा गायब हो गया है. इसकी धार कुंद पड़ गयी. यही हाल डीआरएम कार्यालय का है. राजद सुप्रीमो जब रेल मंत्री थे तो अपने कार्यकाल के अंतिम दिनों में यहां डीआरएम कार्यालय खोलने की घोषणा की थी. डीआरएम कार्यालय को लेकर यहां खूब राजनीति हुई. लेकिन पांच साल के बाद भी डीआरएम कार्यालय यक्ष प्रश्न बना हुआ है.