भागलपुर : लंबे समय तक सृजन जांच के लिहाज से अहम किरदार माना जा रहा नजारत शाखा का लिपिक अमरेंद्र कुमार यादव अंततोगत्वा बुधवार को सदर हॉस्पिटल स्थित सीएस कार्यालय में गठित की गयी मेडिकल बोर्ड के समक्ष हाजिर हो गया. चिकित्सकों के समक्ष अमरेंद्र बोला कि उसे अंधेरे व बंद कमरे से डर लगता है. इसलिए वह इससे बचने के लिए डीएम कार्यालय से भाग निकला था. वहां से निकलने के बाद वह पहले बनारस फिर आजमगढ़ चला गया था.
जहां वह अपना मानसिक बीमारी का इलाज कराता रहा. इधर जब उसे जानकारी मिली कि सृजन घोटाले की जांच कर रही सीबीआइ को उसकी दरकार है तो वह बीते दिन उसने खुद ही सीबीआइ टीम से संपर्क साधा आैर अपना बयान देने के लिए भागलपुर आ गया. अमरेंद्र ने कहा कि उसे सीबीआइ को जब भी जरूरत होगी वह मौजूद रहेगा. दशहरा (दुर्गा पूजा) के बाद वह ऑफिस ज्वाइन कर लेगा.
गौरतलब हो कि मंगलवार की शाम करीब साढ़े चार बजे सृजन घोटाले में फरार चल रहा नजारत शाखा का लिपिक अमरेंद्र कुमार यादव सिविल सर्जन कार्यालय में मेडिकल के लिए पहुंचा था. एसीएमओ डॉ रामचंद्र प्रसाद द्वारा गठित मेडिकल बोर्ड में मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ अशोक कुमार भगत के न रहने के कारण मेडिकल जांच नहीं हो सकी थी. उनकी जगह पर मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ गौरव कुमार बोर्ड में शामिल हुए. बुधवार को उनके समक्ष अमरेंद्र ने अपनी बीमारी के बारे में विस्तार से बताया. डॉ गौरव कुमार ने अपनी जांच प्रक्रिया पूरी की.